Chaibasa News : आस्था का केंद्र है जैंतगढ़ का नीलकंठ शिव मंदिर
पश्चिमी सिंहभूम के जगन्नाथपुर प्रखंड स्थित जैंतगढ़ के मुंची गांव का नीलकंठ शिव मंदिर आस्था का केंद्र है.
जैंतगढ़.
पश्चिमी सिंहभूम के जगन्नाथपुर प्रखंड स्थित जैंतगढ़ के मुंची गांव का नीलकंठ शिव मंदिर आस्था का केंद्र है. पवित्र वैतरणी और कांगिरा नदी के संगम पर बना मंदिर काफी पुराना है. कहा जाता है कि यहां का शिवलिंग स्वयं प्रकट हुआ है. सावन माह के साथ प्रत्येक सोमवार को विशेष पूजा-अर्चना होती है. मकर संक्रांति पर हर साल पवित्र संगम पर धार्मिक मेले का आयोजन किया जाता है. इसकी प्राकृतिक सुंदरता सैलानियों और पिकनिक मनाने वालों को अपने ओर आकर्षित करती है. सफेद बालू की चादर, कतारबद्ध पहरेदारी करते वृक्ष, सुंदर झाड़ियां और चट्टानों से टकराता पानी मनोरम दृश्य उत्पन्न करता है.अद्भुत कहानी है मंदिर बनने की
मान्यता है कि जैंतगढ़ बेहरासाही निवासी फ़तु बेहरा को स्वप्न आया कि अमुक स्थान पर शिवलिंग प्रकट हुआ है. लगातार तीन दिनों तक भगवान शिव ने सपने में दर्शन दिये. उसी स्थान में शिवलिंग प्रकट होने की सूचना दी. फतु बेहरा उस स्थान पर पहुंचे, तो देखा सही में जमीन फटी पड़ी है. शिवलिंग प्रकट हो रहा है. उन्होंने जमीन मालिक निधि चरण राठौर को सारी कहानी बतायी. निधि चरण राठौर ने अपनी जमीन मंदिर के लिए दान कर दी. जैंतगढ़ बेहरा साही के सामाजिक कार्यकर्ता स्व फ़ातु बेहरा ने लोगों के सहयोग से वर्ष 1966 में एक शिव मंदिर का निर्माण कराया. तब से मंदिर में पूजा-अर्चना हो रही है.
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