Jharkhand News : कथारा कोलियरी में आठ महीने से उत्पादन ठप, कोयला नहीं मिलने से कथारा वाशरी भी बंद

Jharkhand News : सीसीएल कथारा एरिया पिछले कुछ माह से उत्पादन-उत्पादकता के मामले में विकट परिस्थितियों के दौर से गुजर रहा है. कथारा कोलियरी आठ माह से सीटीओ (कंसेंट टू ऑपरेट) नहीं मिलने के कारण बंद है. इसके कारण कथारा वाशरी के भी वॉश व पावर कोल के उत्पादन पर गहरा असर पड़ा है. आठ माह से काम बंद है.

By Guru Swarup Mishra | September 9, 2022 4:07 PM

Jharkhand News : सीसीएल कथारा एरिया पिछले कुछ माह से उत्पादन-उत्पादकता के मामले में विकट परिस्थितियों के दौर से गुजर रहा है. कथारा कोलियरी आठ माह से सीटीओ (कंसेंट टू ऑपरेट) नहीं मिलने के कारण बंद है. इसके कारण कथारा वाशरी के भी वॉश व पावर कोल के उत्पादन पर गहरा असर पड़ा है. यहां भी आठ माह से काम लगभग बंद है. पहले कथारा वाशरी को कथारा एरिया की कथारा व जारंगडीह परियोजना और ढोरी एरिया की अमलो परियोजना से प्रतिदिन ढाई-तीन हजार टन कोयला की आपूर्ति की जाती थी. जारंगडीह से 600-700 टन, अमलो से 600-700 टन तथा कथारा कोलियरी से डे-दो हजार टन कोयाल की आपूर्ति होती थी. कथारा कोलियरी बंद रहने के कारण यहां से वाशरी को कोयला की आपूर्ति बंद है. जारंगडीह से भी लगभग आपूर्ति ठप है. अमलो परियोजना के पास पहले कोल स्टॉक था, लेकिन वर्तमान में यहां कोल एक्सपोजर नहीं होने के कारण यहां से भी कथारा वाशरी को कोयला की आपूर्तिं बंद है.

वाशरी का मैन पावर है 600, बैठा कर दिया जा रहा वेतन : कथारा वाशरी में पहले जितना रोजाना कोयला की आपूर्ति होती थी, उसमें से 30 फीसदी वॉश कोल तथा 60 फीसदी पावर कोल का उत्पादन होता था. इसे देश के विभिन्न पावर व स्टील प्लांटों में भेजा जाता था. कथारा वाशरी में मैन पावर करीब 600 है. वाशरी के बंद रहने से मजदूरों के पास कोई काम नहीं है और इन्हें एक तरह से बैठा कर वेतन दिया जा रहा है.

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यहां होना है नयी वाशरी का निर्माण, लेकिन लगेगा वक्त : कथारा वाशरी के स्थान पर सालाना तीन मिलियन टन क्षमता की नयी वाशरी के निर्माण को मंजूरी दे दी गयी है. इसके लिए टेंडर भी फाइनल हो गया है. लेकिन जमीन लीज का मामला बड़ी समस्या के रूप में आकर खड़ा हो गया है. चुकि: जिस सात-आठ हेक्टेयर भूमि पर नयी वाशरी बनना है, वह कथारा कोलियरी का लीज है. इसलिए अब कहा जा रहा है कि जिस जगह पर नयी वाशरी बनेगी, वह प्राइवेट कंपनी बनायेगी. इसलिए लीज को अलग कर दिया जाये. इसके लिए अब कोयला मंत्रालय से अनुमति लेनी होगी. इसलिए नयी वाशरी के अस्तित्व में आने में लंबा वक्त लगेगा. ऐसे में इस पुरानी वाशरी को अगर सुचारू रूप से चलाने की मांग उठ रही है.

पेनाल्टी जमा करने के बाद भी कथारा कोलियरी का सीटीओ लंबित : बंद कथारा कोलियरी को चालू करने के लिए सीसीएल सीएमडी पीएम प्रसाद गंभीर हैं. सीसीएल ने कुछ माह पूर्व पेनाल्टी के रूप में 24 करोड़ रुपया का भुगतान केंद्र सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को किया है. मंत्रालय ने सीसीएल से कहा है कि भेजी गयी उक्त राशि में से 3.5 करोड़ रुपये झारखंड प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के पास जमा करें. अब सीसीएल मंत्रालय को भेजे गये 24 करोड़ रुपये के वापस लौटने का इंतजार कर रही है. अभी कथारा कोलियरी में कोयला उत्पादन और ओबी निस्तारण पूरी तरह ठप है. 14 डंपर, तीन-चार मेरिन शॉवेल मशीन सहित कई मशीनें खड़ी हैं. लगभग 700 मैन पावर वाली इस कोलियरी में फिलहाल उत्पादन कार्य ठप रहने से कर्मी भी काम के अभाव में बैठे हैं.

मजदूर नेताओं ने दी है आंदोलन की चेतावनी : कथारा के मजदूर नेता अजय कुमार सिंह, अनूप कुमार सोयें, दिलीप कुमार, रामेश्वर कुमार मंडल, सर्वजीत कुमार पांडेय, कामोद प्रसाद, रामेश्वर चौधरी आदि का कहना है कि कथारा वाशरी एशिया महादेश की सबसे बड़ी वाशरी है. अगर 15 दिनों के अंदर वाशरी के लिए कोयला आपूर्ति की व्यवस्था नहीं की गयी तो 22 सितंबर को जीएम कार्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया जायेगा.

कथारा एरिया के प्रभारी जीएम डी गुप्ता ने कहा कि कथारा कोलियरी का सीटीओ जल्द मिलने की संभावना है. कथारा कोलियरी से उत्पादन शुरू होने के बाद कथारा वाशरी को भी पूर्व की तरह सुचारू रूप से कोयला की आपूर्ति शुरू जायेगी.

रिपोर्ट : राकेश वर्मा, बेरमो, बोकारो

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