Bokaro News : जरीडीह बाजार में है बेरमो का सबसे पुराना गुरुद्वारा
Bokaro News : बेरमो अनुमंडल में दस गुरुद्वारे हैं. इसमें सबसे पुराना गुरुद्वारा जरीडीह बाजार का बताया जाता है.
राकेश वर्मा, बेरमो, गुरु नानक को सिख धर्म का पहला गुरु माना जाता है. इनकी जयंती हर वर्ष कार्तिक मास की पूर्णिमा को मनायी जाती है. इस दिन को गुरु नानक प्रकाश पर्व के रूप में भी जाना जाता है. यह पर्व सिख समुदाय के लिए प्रमुख उत्सव है. इस दिन गुरुद्वारों में भजन, कीर्तन समेत कई कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं.
बेरमो अनुमंडल में दस गुरुद्वारे हैं. इसमें सबसे पुराना गुरुद्वारा जरीडीह बाजार का बताया जाता है. जरीडीह बाजार गुरु सिंह सभा गुरुद्वारा के सरदार लोचन सिंह और सरदार लक्की सिंह बताते हैं कि वर्ष 1935 में इस गुरुद्वारा की स्थापना की गयी थी. इसे स्थापित करने में स्व सरदार नत्था सिंह, सरदार हुकूम सिंह, हरवंश सिंह, हरनाम सिंह, उधम सिंह, खजान सिंह के पिता सहित कई लोग शामिल थे. सरदार लोचन सिंह के पिता स्व सरदार इकबाल सिंह भी इस गुरुद्वारा से काफी दिनों तक जुड़े रहे. 50-60 के दशक में ही संडे बाजार गुरुद्वारा की स्थापना की गयी. इसमें सरदार राजेंद्र सिंह, उधम सिंह, हजारा सिंह, फौजा सिंह, कुंदन सिंह, बिल्ला सिंह आदि की भूमिका रही. वर्ष 1955 में करगली बाजार गुरुद्वारा बना. इसमें सरदार मंगल सिंह, दिवान सिंह, उत्तम सिंह, रतन सिंह, महेंद्र सिंह, मसा सिंह आदि शामिल थे. बेरमो के जवाहरनगर गुरुद्वारा की स्थापना वर्ष 1965 में की गयी थी. इसमें सरदार गुरुबख्श सिंह, मोहन सिंह, हरवंश सिंह, मलकीत सिंह, महेंद्र सिंह, निरंजन सिंह आदि की भूमिका रही. कथारा में वर्ष 1965 में सरदार साधु सिंह, इंदर सिंह, गुरमुख सिंह, अक्षर सिंह, लक्ष्मण सिंह, शदूर्ल सिंह, गुरमित सिंह, स्वर्ण सिंह, जरनैल सिंह, खजान सिंह, चंदन सिंह, योगेंद्र सिंह, सिंघाडा सिंह, करतार सिंह आदि के योगदान से गुरुद्वारा की स्थापना की गयी. इसके अलावा जारंगडीह, बोकारो थर्मल, गोमिया, चंद्रपुरा और दुगदा में भी गुरुद्वारा है. इनमें से आठ गुरुद्वारे सेंट्रल कमेटी बेरमो से जुड़े है.सामाजिक कार्यों से भी जुड़ी है बेरमो सेंट्रल गुरुद्वारा कमेटी
बेरमो सेंट्रल गुरुद्वारा कमेटी सामाजिक कार्यों से भी जुड़ी रही है. बोकारो थर्मल गुरुद्वारा में सेंट्रल कमेटी की ओर से दो बार रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया. इसके अलावा एसी युक्त मर्चरी की सुविधा निशुल्क जरूरत पड़ने पर लोगों को दी जाती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
