भारी उद्योग मंत्रालय के इस कदम से बीएसएल के अधिकारियों में आक्रोश, सर्कुलर वापस लेने के लिए बना रहे ये रणनीति

बोकारो (सुनील तिवारी) : भारी उद्योग मंत्रालय की ओर से डीए फ्रीज करने से बोकारो स्टील प्लांट के 2000 सहित सेल के 12000 हजार आक्रोशित हैं. मंत्रालय की ओर से कोरोना का हवाला देते हुये डीए पर 30 जून 2021 तक रोक लगायी है. अब उन्हें 01 जुलाई 2021 से डीए का लाभ दिया जायेगा. साथ ही एक सितंबर 2020 से 30 जून 2021 तक डीए मद में एरियर की राशि भी नहीं दी जायेगी. इसका असर बीएसएल सहित सेल के अधिकारी पर पड़ेगा. इसलिए उनमें आक्रोश है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 23, 2020 11:13 AM

बोकारो (सुनील तिवारी) : भारी उद्योग मंत्रालय की ओर से डीए फ्रीज करने से बोकारो स्टील प्लांट के 2000 सहित सेल के 12000 हजार आक्रोशित हैं. मंत्रालय की ओर से कोरोना का हवाला देते हुये डीए पर 30 जून 2021 तक रोक लगायी है. अब उन्हें 01 जुलाई 2021 से डीए का लाभ दिया जायेगा. साथ ही एक सितंबर 2020 से 30 जून 2021 तक डीए मद में एरियर की राशि भी नहीं दी जायेगी. इसका असर बीएसएल सहित सेल के अधिकारी पर पड़ेगा. इसलिए उनमें आक्रोश है.

बोकारो स्टील ऑफिसर्स एसोसिएशन (बोसा) के अध्यक्ष एके सिंह ने कहा कि पब्लिक सेक्टर के लिये यह जायज कदम नहीं हैं. सेंट्रल यूनियन से बातचीत की जा रही है. मंत्रालय व मंत्री को पत्र लिखा जा रहा है. सर्कुलर वापस लेने के लिये दवाब बनाया जायेगा. अधिकारियों के बीच डीए को लेकर भारी नाराजगी है. इस आदेश ने अधिकारियों के मनोबल को बुरी तरह प्रभावित किया है. इसको लेकर अधिकारी यूनियन आगे की रणनीति बना रही है.

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श्री सिंह ने कहा कि बीएसएल-सेल के डॉक्टरों, इंजीनियरों ने अधिकारियों के साथ कोरोना योद्धाओं की तरह काम किया है. न सिर्फ उत्पादन की गति को बरकरार रखा, बल्कि कंपनी को मुनाफे की ओर बढ़ाया है. लेकिन, अधिकारियों को पुरस्कृत करने के बजाय उन्हें अपने डीए को फ्रीज से दंडित किया जा रहा है. यह वास्तव में बहुत दुखद है. डीए को फ्रीज करने के फैसले से अधिकारियों में काफी निराशा है. यह कंपनी के लिये किसी भी स्थिति में ठीक नहीं है.

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श्री सिंह ने अधिकारियों का वेतन समझौता, पीआरपी सहित कई डिमांड अधूरा पड़ा है. इसके बावजूद कोरोना महामारी के बीच अधिकारियों ने कंपनी को मुनाफा में लाया है. मंत्रालय के सर्कुलर से अधिकारी न सिर्फ आक्रोशित हैं, बल्कि हतोत्साहित भी हैं. इसका असर बीएसएल-सेल के उत्पादन व उत्पादकता पर पड़ सकता है. इसलिये यह जायज कदम नहीं हैं. इस तरह के डीए फ्रीज का कोई औचित्य नहीं है. इसे वापस लेने के लिये मंत्रालय पर दवाब बनाया जायेगा.

Posted By : Guru Swarup Mishra

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