Bokaro News : इजरी नदी के प्रदूषण के विरोध में जल सत्याग्रह आंदोलन शुरू
Bokaro News : बालू कारोबारियों और जिला प्रशासन के खिलाफ ग्रामीणों ने की नारेबाजी, बालू बेचने का लगाया आरोप.
चास, मामरकुदर स्थित इजरी नदी का पानी दूषित हो गया है. स्थानीय लोगों ने इस समस्या को लेकर जिला प्रशासन से शिकायत की थी, लेकिन कोई पहल नहीं की गयी. इसके विरोध में बुधवार को कई गांवों के लोगों ने इजरी नदी में उतरकर जल सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया. ग्रामीणों ने नदी का दूषित पानी दिखाते हुए बालू कारोबारियों और जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की.
नेतृत्व कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता राकेश शर्मा, जयनारायण कुमार, शत्रुघ्न झा सहित अन्य ने कहा कि पुलिस प्रशासन की मिलीभगत से बालू कारोबारी धड़ल्ले से अवैध तरीके से बालू बेच रहे हैं. मिट्टी युक्त बालू इजरी नदी में धोकर बेचा जा रहा है, जिस कारण पानी दूषित हो रहा है. मामरकुदर से सटी घनी आबादी इजरी नदी पर पूरी तरह निर्भर है. इन दिनों नदी के जल में मिट्टी मिले होने के कारण नहाने व अन्य उपयोग में ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कहा कि त्वरित कार्रवाई नहीं होने तक आंदोलन जारी रहेगा और पानी का आंदोलन सड़क तक पहुंचेगा. कहा कि वे लोग नदी को बचाने के लिए नदी किनारे पहरा देंगे. मौके पर समरेश सिंह चौधरी, सुबल झा, रंजीत बाउरी, सुजीत बाउरी, सपन महतो, कंचन महतो, मिथिलेश शर्मा, शिबू सहित व अन्य मौजूद थे.…अब हाथ धोना भी मुश्किल
ग्रामीणों ने कहा कि इजरी नदी का पानी पूरी तरह बरसाती पानी की तरह मटमैला हो गया है. जो इंसान के साथ-साथ जानवरों के लिए भी खतरनाक साबित हो रहा है. कभी मामरकूदर स्थित इजरी नदी घाट पर रोज सैकड़ों लोग नहाते थे. धर्म, कर्मकांड कार्यों को लेकर भी घनी आबादी इजरी नदी पर ही निर्भर है. जल को दूषित कर पर्यावरण के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
