Bokaro News : मन व इंद्रियों को वश में कर समता की साधना ही सामयिक

Bokaro News : चास में मनाये जा रहे पर्युषण पर्व के तीसरे दिन जैन श्वेतांबर तेरापंथ समाज ने मनाया सामयिक दिवस.

By ANAND KUMAR UPADHYAY | August 22, 2025 11:30 PM

चास, श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा, चास-बोकारो की ओर से चास में मनाये जा रहे पर्युषण पर्व के तीसरे दिन शुक्रवार को आचार्य श्री महाश्रमण जी के आध्यात्मिक निर्देशन में सामयिक दिवस मनाया गया. इस दिन का उद्देश्य आंतरिक शुद्धि और आत्म साधना पर जोर देना होता है. पर्युषण पर्व के दौरान जैन समुदाय विशेष रूप से आध्यात्मिक क्रियाओं में संलग्न रहता है और सामयिक दिवस इसी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. इस दौरान आचार्य श्री महाश्रमणजी की सुशिष्या उपासिका सायर जी कोठारी व संगीता जी पटावरी की उपस्थिति में सामयिक के इस विशेष दिन पर जैन श्वेतांबर तेरापंथ समाज के दर्जनों लोगों ने सामूहिक रूप से सामयिक की साधना की. उपासिका सायर जी ने सामयिक की महत्ता परिभाषित करते हुए कहा कि मन एवं इंद्रियों को वश में कर समता की साधना करना सामयिक है. सामयिक का शाब्दिक अर्थ है समता में रहना, जो जैन धर्म में एक महत्वपूर्ण धार्मिक क्रिया है. यह एक ऐसी साधना है. जिसमें व्यक्ति कुछ समय के लिए सांसारिक गतिविधियों से खुद को अलग कर लेता है. इस दौरान वे ध्यान, प्रार्थना और धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करते हैं, जिससे मन को शांति मिलती है और आत्म-साधना मजबूत होती है. उपासिका संगीता जी पटावरी में कहा कि समता को जीवन में उतारना ही सामयिक है. सामायिक समता की शिखर साधना है. परिस्थिति चाहे कैसी भी हो, कोई भी बात मन के प्रतिकूल है. मौके पर मीडिया प्रमुख सुरेश बोथरा ,जयचंद बांठिया, ताराचंद, मदन चौरड़िया, शांतिलाल जैन, रेणु चौरड़िया, कनक जैक, शशि बांठिया, किरण पारिख आदि मौजूद रहे. पर्युषण पर्व के चौथे दिन शनिवार को वाणी संयम दिवस मनाया जाएगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है