Bokaro News : तेनुघाट डैम : पानी, प्रकृति और रोमांच का अद्भुत संगम

Bokaro News : बोकारो के पिकनिक स्पॉट : एशिया के सबसे बड़े कच्चा डैम के रूप में पहचाने जाने वाला यह विशाल जलाशय हर साल हजारों पर्यटकों को अपने सौंदर्य और रोमांच से मोहित कर देता है.

By ANAND KUMAR UPADHYAY | December 4, 2025 11:09 PM

दीपक सवाल, कसमार, बोकारो की सर्दियों में पिकनिक का जिक्र हो और तेनुघाट डैम का नाम ना आए, ऐसा होना मुश्किल है. एशिया के सबसे बड़े कच्चा डैम के रूप में पहचाने जाने वाला यह विशाल जलाशय हर साल हजारों पर्यटकों को अपने सौंदर्य और रोमांच से मोहित कर देता है. नवंबर के अंत से शुरू होकर जनवरी के अंतिम सप्ताह तक यहां पिकनिक का ऐसा उत्सव चलता है, मानों पूरा क्षेत्र छुट्टियों की रौनक में डूब गया हो. अपने निर्माण काल से ही यहां पिकनिक मनाने का सिलसिला शुरू हुआ है. अब तो दूर दराज से भी हजारों लोग परिवार और मित्रों के साथ यहां पिकनिक मनाने आते हैं. विशाल जलराशि, डैम के 10 फाटक और उससे झरने की तरह बहकर गिरता पानी हर आगंतुक को रोमांचित कर देता है. पिकनिक के दिनों में यहां मेले जैसा माहौल रहता है, लोग पकवान के साथ मौज-मस्ती, गीत-संगीत और फोटोग्राफी का खूब आनंद उठाते हैं. तेनुघाट डैम केवल प्राकृतिक खूबसूरती तक सीमित नहीं, बल्कि इसके आसपास बेरमो अनुमंडल मुख्यालय, टीटीपीएस, जवाहर नवोदय विद्यालय और अन्य महत्वपूर्ण संस्थान भी मौजूद हैं. जुलाई-अगस्त से जनवरी के दौरान यहां बड़े पैमाने पर प्रवासी पक्षियों का आगमन भी होता है. सेंट्रल एशिया से आने वाली पिन-टेल और रेड क्रेस्टल प्रजाति के पक्षी जब डैम पर अटखेलियां करते हैं, तो दृश्य और भी मनमोहक हो उठता है. इन्हें देखने के लिए प्रकृति प्रेमियों की भीड़ अलग से जुटती है. झारखंड अलग राज्य बनने के बाद तेनुघाट डैम को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है. डैम के पूर्वी छोर पर आकर्षक गेस्ट हाउस बना हुआ है. अन्य कई योजनाओं पर काम हुए हैं और हो रहे हैं. केज कल्चर के जरिए मत्स्य उत्पादन यहां की एक और खास पहचान है.

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