Bokaro News : बोकारो सिटी केयर हॉस्पिटल के ब्लड सेंटर के संचालन पर लगी रोक
Bokaro News : सिटी केयर हॉस्पिटल व इंडियन रेडक्राॅस सोसायटी ब्लड सेंटर से मांगा गया स्पष्टीकरण, राज्य औषधि नियंत्रण निदेशालय के निदेशक ने की कार्रवाई.
बोकारो, राज्य औषधि नियंत्रण निदेशालय के निदेशक (औषधि) रांची ने बोकारो के इंडियन रेडक्राॅस सोसायटी ब्लड सेंटर व बोकारो सिटी केयर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर ब्लड सेंटर से स्पष्टीकरण मांगा है. यह स्पष्टीकरण औषधि नियमावली के नियम 122-O के तहत किया गया है. पत्र में बताया गया है कि केंद्र का संयुक्त निरीक्षण डॉ मैथिली ठाकुर व औषधि निरीक्षक बोकारो पुतली बिलुंग ने 29 अक्तूबर को किया था. बोकारो सिटी केयर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के ब्लड सेंटर में ब्लड जांच के लिए एलीजा का उपयोग नहीं किया गया. सभी उपकरण अपडेट नहीं थे. टीटीआइ रजिस्टर अपडेट नहीं था. आरएच बॉक्स भी उपयोग में नहीं था. कैंप रजिस्टर नहीं मिला. स्वास्थ्य जांच कैंप रजिस्टर नहीं था. साथ ही जांच के वक्त कोई काउंसलर उपलब्ध नहीं मिला. बताया गया है कि निदेशालय ने नौ अप्रैल 2025 को जारी लाइसेंस निर्गत तिथि 20 अप्रैल 2025 को 30 दिन के लिए स्टॉप फंक्शनिंग किया था. इसके बाद 31 अक्तूबर 2025 को निरीक्षण के क्रम में रक्त केंद्र में गंभीर अनियमितता पायी गयी. ऑनलाइन पोर्टल पर कोई आवेदन नहीं किया गया है. लाइसेंस नवीकरण के लिए पोर्टल पर आवेदन जमा करने को कहा गया है. पत्र के माध्यम से अगले आदेश तक केंद्र संचालन, रक्त संग्रहण, भंडारण, जांच व वितरण पर रोक लगाया जा रहा है. इसके बाद भी केंद्र संचालित किया गया, तो कार्रवाई की जायेगी. दोबारा केंद्र का निरीक्षण किया जायेगा. सबकुछ सही पाया गया, तो संचालित करने का आदेश दिया जायेगा. रेडक्राॅस के निरीक्षण में टीम ने पायी थीं कई खामियां : निदेशक ने पत्र में बताया है कि इंडियन रेडक्राॅस सोसायटी ब्लड सेंटर बोकारो के निरीक्षण के क्रम में पाया गया कि सेंटर में मेडिकल ऑफिसर नहीं थे. सभी रिकॉर्ड व रजिस्टर बिना मेडिकल ऑफिसर के हस्ताक्षर के थे. सभी जांच रेपिड टेस्ट किट से हो रही थी. बिना चिकित्सक व नर्स के सभी रक्तदान कैंप लगाये गये थे. सेंटर के लाइसेंस की वैधता 26 फरवरी 2024 तक थी. रिन्यूअल के लिए कोई आवेदन कार्यालय में नहीं दिया गया. निदेशालय ने 29 अगस्त 2025 द्वारा पूर्व में भी स्पष्टीकरण मांगा गया था. कोई जवाब नहीं दिया गया. एक सप्ताह के अंदर निदेशालय को स्पष्टीकरण का जवाब देने को कहा गया है. साथ ही, पोटर्ल पर डाटा अपलोड करने का निर्देश भी दिया गया है.
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