Bokaro News : गांवों में मंडराने लगे बिचौलिये, सरकारी क्रय केंद्र के लिए हो रहा निर्देश का इंतजार
Bokaro News : 1500 से 1600 रुपये प्रति क्विंटल की दर से किसान बेच रहें धान, जल्द नहीं होगा फैसला, तो इस साल भी लक्ष्य नहीं होगा पूरा.
सीपी सिंह, बोकारो, इस साल अच्छे माॅनसून के कारण धान उपज अच्छी हुई है. खेत से धान की कटाई पूरे जोर-शोर से चल रही है. अब किसान धान बेचकर मेहताना वसूलने की कोशिश में लग गये हैं. धान कटाई के साथ ही खरीदारों की टोली भी एक्टिव हो गयी है. किसानों से औने-पौने दाम में धान की खरीदारी का दौर भी शुरू हो गया है. पेटरवार प्रखंड के खेत में धान की खरीद-बिक्री शुरू हो चुकी है. मंसूरी या छोटे धान की कीमत 1500 रुपये प्रति क्विंटल व बड़ा दाना वाले धान की कीमत 1600 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से रेट मिल रहा है. खरीदार सीधा खेत से खरीदारी कर रहे हैं. किसानों की माने तो सरकार की ओर से अभी धान खरीद को लेकर कोई शोरगुल सुनाई नहीं दे रहा है, ऐसे में कोई कितना इंतजार करे.
जानकारों की माने तो आम तौर पर 15 दिसंबर से सरकारी स्तर पर धान की खरीद शुरू होती है. लेकिन, इस साल अभी तक किसी प्रकार का निर्देश सरकार की ओर से जिला प्रशासन को नहीं मिला है. साथ ही धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य भी प्राप्त नहीं हुआ है. वहीं किस दर व बोनस पर धान की खरीदारी होगी, इस संबंध में भी कोई स्पष्ट निर्देश अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है. मिलर टैगिंग को लेकर भी अभी फैसला नहीं हुआ है. जिला में 17 पैक्स के जरिये धान खरीदारी की चर्चा हुई है.नमी फैक्टर व ऑन स्पॉट खरीदारी बन रही बाधा
सरकारी स्तर पर धान खरीदारी को लेकर नमी एक फैक्टर माना जाता है. यदि मॉइश्चर मीटर पर रीडिंग 17 के ऊपर जाता है, तो धान की खरीदारी नहीं होती है. वर्तमान परिवेश में धान में नमी ज्यादा है. वहीं सरकारी स्तर पर धान बेचने के लिए किसानों को पैक्स तक जाना होता है, इसमें अतिरिक्त राशि खर्च होती है. जबकि दूसरी तरफ प्राइवेट खरीदार रेट तो कम देते हैं, लेकिन वह नमी वाले फैक्टर से दूर रहते हैं. वहीं सीधे खेत से धान की खरीदारी करते हैं. इन दोनों कारणों से किसान प्राइवेट खरीदार को भी धान बेच देते हैं.सरकार को धान बेचना होगा फायदेमंद, एकमुश्त मिलेगी राशि
सरकार को धान बेचने पर दो किश्त में मिलने वाली राशि संबंधित शिकायत आमतौर पर किसान को होती थी. लेकिन, इस साल किसानों को एकमुश्त राशि का भुगतान किया जायेगा. सबसे बड़ी बात कि यह राशि 72 घंटे में ही दी जायेगी. वहीं सरकार की ओर से प्रति क्विंटल धान का दर 2400 से 2600 रुपये (अनुमानित) तय होगा. यानी बाजार से लगभग 1000 रुपये अधिक का फायदा किसानों को प्रति रुपये धान बेचने पर होगा.2024-25 में 1.90 लाख टन लक्ष्य के बदले प्रशासन ने की थी मात्र 70993 क्विंटल धान की खरीदारी
एक ओर निजी खरीदार खेत पहुंचने लगे हैं, तो दूसरी तरफ जिला प्रशासन राज्य सरकार के निर्देश का इंतजार कर रही है. अगर सरकार की ओर से इस दिशा में जल्द फैसला नहीं हुआ, तो फिर से लक्ष्य प्राप्त करना जिला के लिए मुश्किल होगा. वित्तीय वर्ष 2024-25 में जिला को 1.90 लाख क्विंटल धान खरीदारी का लक्ष्य जिला को मिला था. लेकिन, इस एवज में मात्र 70993.5 क्विंटल धान की खरीदारी ही हो पायी थी. इसी तरह धान खरीदारी मामले में रिकॉर्ड 2022-23 का भी अच्छा नहीं था. विभाग ने 02 लाख क्विंटल धान खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया था. लेकिन, बोकारो जिला में मात्र 40939.57 क्विंटल धान की ही खरीदारी विभाग कर पाया था.विभाग कर रहा किसानों को जागरूक
धान खरीदारी व किसानों को दलालों के हाथों धान नहीं बेचने को लेकर विभाग लगातार अभियान चला रहा है. जिला आपूर्ति पदाधिकारी शालिनी खालको ने बताया कि इस साल धान अधिप्राप्ति के बदले किसानों को एकमुश्त राशि मिलेगी. जानकारी हर किसान तक पहुंचे इसके लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है. किसानों को हड़बड़ाहट में औने-पौने दाम में धान की बिक्री नहीं करनी चाहिए. इससे किसानों को ही नुकसान होगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
