Bokaro News : बीएसएल प्लांट में उच्च स्तरीय सीबीआरएन मॉक ड्रिल 27 नवंबर को

Bokaro News : जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक, जिले में औद्योगिक आपदाओं से निपटने की तैयारी का आकलन करना उद्देश्य.

By ANAND KUMAR UPADHYAY | November 26, 2025 10:20 PM

बोकारो, जिले में औद्योगिक आपदाओं से निपटने की तैयारी का आकलन करने के उद्देश्य से बुधवार को जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की समाहरणालय सभागार में बैठक हुई. अध्यक्षता उपायुक्त सह डीडीएमए अध्यक्ष अजय नाथ झा ने की. 27 नवंबर को बोकारो स्टील लिमिटेड (बीएसएल) प्लांट में सुबह 10.30 बजे आयोजित होने वाली लेवल-03 सीबीआरएन (केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल व न्यूक्लियर) मॉक ड्रिल की रूपरेखा पर चर्चा की गयी.

हाल की औद्योगिक दुर्घटनाओं के कारण बीएसएल चुना गया अभ्यास स्थल

डीसी श्री झा ने बताया कि पिछले कुछ महीनों के दौरान कई औद्योगिक हादसे सामने आये हैं. इन घटनाओं को देखते हुए प्रशासन ने उच्च स्तरीय अभ्यास के लिए बीएसएल प्लांट को उपयुक्त स्थल माना. मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य संभावित खतरनाक परिस्थितियों में जिला की तैयारी की जांच, प्रतिक्रिया तंत्र की मजबूती व विभिन्न एजेंसियों के बीच तालमेल को परखना है.

12 मेजर हैजर्ड इकाइयों के प्रतिनिधि होंगे शामिल

बीएसएल के अलावा जिले की अन्य 12 मेजर हैजर्ड इकाइयों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे. 27 नवंबर को होने वाली मॉक ड्रिल में सक्रिय भूमिका निभायेंगे. एनडीआरएफ 09वीं बटालियन, सीआइएसएफ, बीएसएल प्रबंधन, फायर ब्रिगेड, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग सहित कई तकनीकी व आपातकालीन प्रतिक्रिया एजेंसियों ने हिस्सा लिया. सभी इकाइयों ने संसाधन, जिम्मेदारी व प्रतिक्रिया योजना का ब्योरा प्रस्तुत किया.

आपदा अवसर है क्षमता दिखाने का : डीसी

डीसी ने कहा कि आपदा किसी भी प्रणाली की परीक्षा है. किस प्रकार जीवन व राष्ट्र की संपत्ति को सुरक्षित रख सकते हैं, आपदा यही दिखाने का मौका देता है. विभिन्न उद्योगों के प्रतिनिधियों को कहा कि उद्योगों को सेफ्टी इज कॉस्ट इफेक्टिव की सोच के साथ काम करना चाहिए. डीसी ने सभी एजेंसियों को निर्देश दिया कि मॉक ड्रिल को वास्तविक आपातस्थिति की तरह गंभीरता से लें. अधिकतम तत्परता प्रदर्शित करें. डीसी ने सभी विभागों को समयबद्ध, सुचारू व समन्वित कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.

वास्तविक स्थिति जैसा हो प्रदर्शन

उपायुक्त ने कहा कि मॉक ड्रिल को गंभीरता के साथ वास्तविक आपदा की तरह आयोजित किया जाये. कहा कि इस प्रकार के अभ्यास जिला की आपदा प्रबंधन प्रणाली को सुदृढ़ बनाते हैं. सुधार की संभावनाओं को पहचानने में मदद करते हैं. उन्होंने सभी विभाग व इकाइयों को टीम की तरह काम करने की बात कही. डीसी ने कहा : मॉक ड्रिल औद्योगिक सुरक्षा व आपातकालीन प्रतिक्रिया क्षमता को और अधिक मजबूत करेगी.

सुरक्षा प्रबंधन व प्रतिक्रिया रणनीतियों पर हुई चर्चा

जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी शक्ति कुमार ने विभिन्न प्रमुख विषयों पर चर्चा की. उन्होंने मॉक ड्रिल को मुख्य रूप से गैस रिसाव-उससे बचाव पर केंद्रित बताया. उन्होंने डम्मी फैटल-कैजूअल्टी, ट्रैफिक व्यवस्था आदि बिंदुओं की जानकारी दी. सीबीआरएन आपदा की स्थिति में चरणवार प्रतिक्रिया तंत्र, त्वरित डिटेक्शन, नियंत्रण व बचाव प्रक्रियाएं, विभिन्न एजेंसियों के बीच संचार व समन्वय, सुरक्षा उपकरणों, संसाधनों और प्रोटेक्टिव गियर की उपलब्धता, स्वास्थ्य सेवाओं, एंबुलेंस व अस्पतालों की तैयारी-जन-सुरक्षा, निकासी मार्ग व प्रबंधन, इन्सिडेंट रिस्पॉन्स सिस्टम की भूमिका व कार्यप्रणाली पर विमर्श किया गया.

एनडीआरएफ, सीआइएसएफ व बीएसएल ने साझा की तकनीकी जानकारी

एनडीआरएफ की 09 बटालियन के उप कमांडर विनय कुमार ने सीबीआरएन स्थिति में उपयोग होने वाली डिटेक्शन तकनीक, डी-कंटेमिनेशन पद्धतियां व त्वरित बचाव उपाय पर प्रेजेंटेशन दी. वहीं, बीएसएल प्रबंधन ने प्लांट क्षेत्र की संवेदनशीलता, जोखिम वाले जोन व ड्रिल की रूपरेखा पर जानकारी दी. सीआइएसएफ ने आपदा की स्थिति में सुरक्षा घेरे, एंट्री-एक्जिट कंट्रोल व परिधि सुरक्षा से जुड़े बिंदुओं पर तैयारी बतायी.

मौके पर डीडीसी, एसी के अलावा सीआइएसएफ के एनए खान, सदर उपाधीक्षक डॉ एन पी सिंह, सिटी डीएसपी आलोक रंजन, जिला अग्निशमन पदाधिकारी भगवान ओझा, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी अविनाश कुमार सिंह, सिविल डिफेंस के एसपी वर्मा व अन्य मौजूद थे.

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