Bokaro News : चेतावनी नोटिस के बाद भी बोकारो स्टील प्लांट के अंदर से सूचनाएं हो रही लीक

Bokaro News : प्लांट से छोटी-छोटी घटनाओं की तस्वीर व वीडियो बाहर आने से प्रबंधन परेशान, प्लांट में हर जगह चिपकाया गया है चेतावनी नोटिस व फ्लोर स्तर पर चिन्हित हो रहे हैं तस्वीरें व सूचना बाहर भेजनेवाले कर्मी.

By ANAND KUMAR UPADHYAY | August 25, 2025 11:26 PM

सुनील तिवारी, बोकारो, बोकारो स्टील प्लांट के अंदर की संवेदनशील खबरों व घटनाओं की सूचनाएं बाहर सार्वजनिक करने को लेकर प्रबंधन की ओर से प्लांट में हर जगह ‘चेतावनी’ नोटिस चिपकाया गया है. नोटिस के बाद भी प्लांट के अंदर से सूचनाएं लीके हो रही है. प्लांट की छोटी-छोटी घटनाएं सार्वजनिक हो जाने से बीएसएल प्रबंधन के लिए परेशानी खड़ी कर रहा है. वहीं इससे निपटने के लिए प्रबंधन सख्त है.

बन रही स्ट्रेटेजी, किया जा रहा चिन्हित

बीएसएल के अंदर से घटनाओं की तस्वीरें व सूचना बाहर भेजने वाले कर्मियों को प्रबंधन फ्लोर स्तर पर चिन्हित कर रहा है. खबर फैलाने वाले कुछ एक कर्मचारियों को प्रबंधन ने भी चिन्हित किया है. उनके नाम की चर्चा उच्च अधिकारियों के सामने हुई है. अब इडी लेवल के अधिकारियों के निर्देश पर प्लांट से सूचना लीक को खत्म करने के लिए अलग से स्ट्रेटेजी बन रही है. बहुत जल्द इसका रिजल्ट दिखेगा.

अब कार्रवाई के मूड में है प्रबंधन

बीएसएल से सूचना का माध्यम सिर्फ पब्लिक रिलेशन विभाग रहे, इसके लिए प्रबंधन अब सख्त हो गया है. इनफार्मेशन लीकेज रोकने के लिए प्लांट के अंदर लगभग हर विभाग में नोटिस चिपकाया गया है. हर विभाग में नोटिस चिपका कर्मियों को जागरूक किया गया है कि वह कंपनी की खबर बाहर ना पहुंचाए. यह अपराध है. पकड़े जाने पर प्रबंधन सख्त कार्रवाई करेगी. अब प्रबंधन कार्रवाई के मूड में है.

शहर को पहले मिल जा रही सूचना, अधिकारियों को बाद में

प्लांट के अंदर से छोटी-छोटी घटना बाहर आ रही है. इसमें तस्वीर व वीडियो दोनों शामिल है. आलम यह है कि प्लांट के कोई भी छोटी से छोटी घटना होती है तो तुरंत उसका तस्वीर व वीडियो बाहर में वायरल हो जाता है. कई बार तो ऐसा भी होता है कि छोटी-बड़ी घटना की सूचना शहर को पहले मिलती है और बीएसएल पब्लिक रिलेशन विभाग और अधिकारियों को बाद में.

सत्य से परे तस्वीर व वीडियो को बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया जाता है

कई बार ऐसा भी होता है कि जिस तरह का तस्वीर व वीडियो प्लांट के अंदर से बाहर आता है, उससे पता चलता है कि बहुत बड़ी दुर्घटना हो गयी है, जबकि बाद में पता चलता है कि जिस तरह से तस्वीर व वीडियो बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया गया है, वैसी कोई बड़ी घटना हुई हीं नहीं है. मतलब, एक तो प्लांट के अंदर का तस्वीर व वीडियो बाहर आना, दूसरा सत्य से परे..प्रबंधन के लिये सरदर्द बन गया है.

नोटिस में लिखीं हैं यह बातें

राजकीय गोपनीय अधिनियम 1923 की धारा 2, उप धारा (8) के अनुसार बोकारो इस्पात संयंत्र निषिद्ध क्षेत्र घोषित किया गया है. निषिद्ध क्षेत्र में किसी प्रकार की क्षति पहुंचाना या संयंत्र/कंपनी संबंधित किसी प्रकार की सूचना बाहरी एजेंसियों को उपलब्ध कराना राजकीय गोपनीय अधिनियम 1923 के तहत दंडनीय अपराध है. संयंत्र परिसर व आसपास के क्षेत्र में अनाधिकृत फोटोग्राफी/वीडियोग्राफी करना प्रतिबंधित है.

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