Bokaro News : स्कूल पोषण बागीचा की स्थापना से बच्चों को मिलेगा पौष्टिक आहार
Bokaro News : कृषि विज्ञान केंद्र बोकारो, स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के संयुक्त तत्वावधान में पेटरवार में आयोजित कार्यशाला में 30 विद्यालयों के शिक्षकों ने लिया भाग.
पेटरवार, कृषि विज्ञान केंद्र बोकारो, स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को स्कूल पोषण बागीचा विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला पेटरवार में आयोजित की गयी. इसमें बोकारो जिले के 30 विद्यालयों के शिक्षकों ने भाग लिया. एमडीएम के टीम लीडर तनमन चटर्जी ने कहा कि स्कूल पोषण बागीचा की स्थापना से बच्चों को पौष्टिक आहार मिलेगा और कृषि के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी. विद्यालयों में पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ विद्यार्थियों को व्यावहारिक शिक्षा भी प्रदान किया जा सकेगा. कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ रंजय कुमार सिंह ने कहा कि बागीचा का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को सूक्ष्म पोषक तत्वों जैसे लौह, कैल्शियम, जिंक, विटामिन ए, विटामिन सी, फोलेट एवं आहार रेशा से भरपूर ताजे फल एवं सब्जियां उपलब्ध कराना है. उन्होंने कहा कि पोषण बगीचे में बहुवर्षीय एवं एकवर्षीय फसलें जैसे पालक, मेथी, बथुआ, टमाटर, भिंडी, गाजर, ब्रोकली, शिमला मिर्च, लौकी, करेला, मूली, शलजम तथा फलदार पौधे जैसे अमरूद, पपीता, नींबू आदि का चयन किया जा सकता है डॉ सिंह ने शिक्षकों को बगीचे की योजना, पौधों के चयन, जैविक खाद के उपयोग, जल प्रबंधन और कीट नियंत्रण जैसे तकनीकी पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी. वैज्ञानिक डॉ एसपी कुमार ने तकनीकी जानकारी साझा करते हुए बताया कि पोषण बगीचे की स्थापना के लिए भूमि का पीएच स्तर 6.0 से 7.5 के बीच होना चाहिए. मृदा परीक्षण कर आवश्यकतानुसार पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए जैविक खाद, वर्मी कंपोस्ट, ट्राइकोडर्मा जैसे जैव-उर्वरकों का प्रयोग करना चाहिए. डॉ रूपा रानी ने बताया कि पोषण बगीचे के माध्यम से बच्चों को समेकित पोषक तत्व प्रबंधन, समेकित कीट प्रबंधन एवं सतत कृषि की अवधारणाओं से अवगत कराया जा सकता है. प्रशिक्षण को सफल बनाने में जिला शिक्षा विभाग के अधिकारी अतुल कुमार सहित केवीके के अधिकारियों ने अहम भूमिका निभायी.
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