देश में परिसीमन 2026 में तो जम्मू में जल्दी क्यों : महबूबा, कहा- अनुच्छेद 370 खत्म करने का मकसद सिर्फ लूटना था

Mehbooba Mufti, Delimitation, Article 370 : जम्मू : जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को कहा कि ''पूरे देश में परिसीमन 2026 में हो रहा है, तो यहां क्या जल्दी है.'' साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पार्टी की मुलाकात पर बोलीं कि ''वो 20 मिनट पार्टी से मिले, तो क्या 20 मिनट में फैसला हो सकता है?''

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 12, 2021 3:47 PM

जम्मू : जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को कहा कि ”पूरे देश में परिसीमन 2026 में हो रहा है, तो यहां क्या जल्दी है.” साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पार्टी की मुलाकात पर बोलीं कि ”वो 20 मिनट पार्टी से मिले, तो क्या 20 मिनट में फैसला हो सकता है?”

साथ ही महबूबा मुफ्ती ने अनुच्छेद 370, 35 (ए) को लेकर केंद्र सरकार पर बड़े आरोप लगाये. उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370, 35 (ए) और डोमिसाइल कानून किसी विदेशियों द्वारा नहीं दिये गये थे. इससे पहले कि राष्ट्र हमें ये देता, महाराजा इसे जम्मू-कश्मीर के लोगों की पहचान की रक्षा के लिए लाये थे. जब लोगों ने भारत का हिस्सा बनने का फैसला किया, तो उन्होंने कहा कि हमारे पास ये कानून हैं, जिन्हें बरकरार रखना है.

साथ ही उन्होंने कहा कि प्रतीत होता है कि अनुच्छेद 370 के निरस्त करने के पीछे एकमात्र उद्देश्य जम्मू-कश्मीर को लूटना था. उहोंने चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स में शीर्ष स्थान पर दूसरे राज्यों के लोगों को रखने का आरोप लगाया है. साथ ही कहा कि पानी और बिजली बाहर जा रहा है. हमारे ट्रांसपोर्टर मुश्किल में हैं. उन्हें टोल टैक्स भी देना होगा और क्या नहीं.

पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि अनुच्छेद 370 को खत्म करने का मकसद सिर्फ जम्मू को लूटना था. जम्मू में इतनी महंगाई है कि यहां के लोग पानी के लिए तड़प रहे हैं. बिजली नहीं है. बेरोजगारी दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है. जम्मू में माइनिंग बंद है. वे कहते थे कि जम्मू में दूध की नदियां बहेंगी. जबकि, यहां इतनी दिक्कते हैं.

पीडीपी प्रमुख ने कहा कि कोई नीति नहीं है. बेरोजगारी और महंगाई बढ़ रही है. पहले वे कहते थे कि जम्मू-कश्मीर पिछड़ा हुआ है, लेकिन हम कई सूचकांकों में आगे हैं. लेकिन, अगर अर्थव्यवस्था पर उनका हमला जारी रहा, तो गरीबी के मामले में हमारी स्थिति गुजरात से भी बदतर हो जायेगी.

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