New Education Policy 2020: नई शिक्षा नीति को लेकर मनीष सिसोदिया ने निकाला नुस्ख, कह डाली ये बात

New Education Policy 2020: देश की शिक्षा व्यवस्था में बदलाव की नई नीति आखिरकार सबसे सामने आ गई है. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा बुधवार को कैबिनेट बैठक में नई शिक्षा नीति को मंजूरी मिल गई है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को नयी शिक्षा नीति(एनईपी) को मंजूरी दे दी, जिसमें स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक कई बड़े बदलाव किये गए हैं. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरूवार को कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) एक "उच्च-विनियमित" और "खराब-वित्त पोषित" शिक्षा मॉडल की सिफारिश करती है, जबकि यह या तो भ्रमित है या इस पर चुप है कि इसमें उल्लिखित सुधार कैसे प्राप्त होंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 30, 2020 8:18 PM

देश की शिक्षा व्यवस्था में बदलाव की नई नीति आखिरकार सबसे सामने आ गई है. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा बुधवार को कैबिनेट बैठक में नई शिक्षा नीति को मंजूरी मिल गई है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को नयी शिक्षा नीति(एनईपी) को मंजूरी दे दी, जिसमें स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक कई बड़े बदलाव किये गए हैं.मानव संसाधन और विकास मंत्रालय (MHRD) का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया. इसका मतलब है कि पूरे उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए एक ही रेगुलेटरी बॉडी होगी ताकि शिक्षा क्षेत्र में अव्यवस्था को खत्म किया जा सके.

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरूवार को कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) एक “उच्च-विनियमित” और “खराब-वित्त पोषित” शिक्षा मॉडल की सिफारिश करती है, जबकि यह या तो भ्रमित है या इस पर चुप है कि इसमें उल्लिखित सुधार कैसे प्राप्त होंगे.

आम आदमी पार्टी (आप) के नेता ने नीति को एक “प्रगतिशील दस्तावेज” के रूप में संदर्भित करते हुए कहा कि यह मौजूदा शिक्षा प्रणाली की खामियों को स्वीकार करता है लेकिन पुरानी परंपराओं के दबाव से मुक्त नहीं हो पा रहा है.

मनीष सिसोदिया ने ये भी कहा कि ये पॉलिसी भविष्य की जरूरतों की बात तो करती है लेकिन लोगों तक कैसे पहुंचेगी इसे लेकर भ्रम है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति ‘हाइली रेगुलेटेड और पुअरली फंडेड’ है.

सिसोदिया ने कहा, “अगर विश्वविद्यालयों में आम प्रवेश परीक्षाएं होने जा रही हैं, तो हमें बोर्ड परीक्षाओं की आवश्यकता क्यों है? नकल की क्या जरूरत है? एक नीति, जो अब अगले कुछ दशकों तक चलने वाली है, खेल पर पूरी तरह से चुप है. ” स्कूल के पाठ्यक्रम की 10 + 2 संरचना को क्रमशः 5 + 3 + 3 + 4 + पाठयक्रम संरचना के साथ 3-8, 8-11, 11-14 और 14-18 आयु वर्ग के साथ बदलते हुए. एम.फिल कार्यक्रमों को लागू करना और कार्यान्वयन करना निजी और सार्वजनिक उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए सामान्य मानदंड नई नीति की अन्य मुख्य विशेषताओं में से हैं.

आईआईटी को लेकर सिसोदिया ने किए सवाल

दिल्ली सरकार के एजुकेशन मिनिस्टर मनीष सिसोदिया ने कहा कि पॉलिसी के मुताबिक, हायर एजुकेशन में सबसे ज्यादा जोर सभी इंस्टिट्यूशन को मल्टी-डिसिप्लिनरी बनाया जाएगा. पॉलिसी यहां भूल कर रही है. क्या आईआईटी में एक्टिंग की क्लास होगी, एफटीआईआई में इंजिनियरिंग की पढ़ाई होगी? यह कैसा विजन है! दुनियाभर में सेक्टर स्पेसिफिक यूनिवर्सिटी की जरूरत है. सिसोदिया ने कहा कि पूरी पॉलिसी में स्पोर्ट्स मिसिंग है. यह समझ से परे है। अभी भी वक्त, केंद्र इसे ठीक कर लें. उन्होंने कहा कि अगले 20-25 साल के लिए एजुकेशन पॉलिसी बन रही है. ऐसे में ऐसा मजाक मत कीजिए.

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