पश्चिमी चंपारण में होगा चकई के चकदुम.. नृत्यमय गीत के साथ पढ़ेंगे सरकारी स्कूल के बच्चे, जाने पूरी बात

पश्चिम चंपारण जिला के कुल 18 प्रखण्डों के बीआरसी में 'चहक' मॉड्यूल आधारित स्कूली शिक्षा का प्रसार होगा. स्कूल के बच्चे अब प्राइवेट स्कूल के प्रारंभिक छात्रों की तरह डांस एंड म्यूजिक के साथ पढ़ाई कर पाएंगे. इसे लागू करवाने के लिये डीइओ रजनीकांत प्रवीण से लेकर सभी अधिकारी एक्शन मोड हैं.

By Prabhat Khabar Print Desk | August 28, 2022 6:10 PM

पश्चिम चंपारण जिला के कुल 18 प्रखण्डों के बीआरसी (ब्लॉक रिसोर्स सेंटर) में ‘चहक’ मॉड्यूल आधारित शिक्षक प्रशिक्षण का पहला शनिवार की शाम पूरा हो गया. पहली कक्षा के बच्चों को खेल खेल में आनंददायक शिक्षा के इस मॉड्यूल को पूरी गुणवत्ता के साथ लागू करवाने के लिये डीइओ रजनीकांत प्रवीण से लेकर समग्र शिक्षा अभियान के डीपीओ योगेश कुमार एक्शन मोड हैं.बीइपी के गुणवत्ता शिक्षा संभाग के नोडल ऑफिसर रविन्द्र किशोर ने इसके बावत बताया कि चहक मॉड्यूल की आनंददायी शिक्षा प्रणाली निर्धारित पाठ्यतालिका के अनुसार धरातल पर उतारने की पूरी तैयारी है.

2652 स्कूलों में शुरु होगी योजना

जिले के 2652 सरकारी प्रारंभिक स्कूलों में एक साथ इस अभियान की शुरुआत हुआ है. इसे लेकर अधिकारियों के साथ शिक्षकों में भी खास उत्साह देखने को मिल रहा है. सितंबर के पहले सप्ताह से ही इस विशेष प्रशिक्षण का उपयोग शुरू हो जायेगा.इस कार्यक्रम मॉनिटरिंग डीपीओ योगेश कुमार ने शुरू कर दी है.उनके द्वारा सभी बीइओ को स्कूलों का नियमित निरीक्षण करने और डेली रिपोर्टिंग सिस्टम पर पूरी तरह से अपटूडेट रहना है.वही डीइओ और डीपीओ के द्वारा भी नियमित औचक निरीक्षण करने की जानकारी दी गयी है.कुल मिला कर शिक्षा विभाग नयी शिक्षा नीति को धरातल पर उतारने के जरिये स्कूली शिक्षा व्यवस्था में कोरोना काल में लर्निंग लॉस की भरपाई में जुट गया लगता है.

प्रारंभिक स्कूल के बच्चों की बेहतर होगी शिक्षा

चहक मॉड्यूल आधारित शिक्षक प्रशिक्षण के दूसरे और तीसरे चरण का संपन्न होना भी अभी बाकी है.फिर भी जमीनी स्तर पर तैयारी देखकर लगता है कि अबकी बार कुछ खास कर दिखाने युगत में हैं शिक्षक व शिक्षा अधिकारी. शिक्षकों का कहना है कि सरकारी स्कूल के बच्चे प्राइवेट स्कूल में होने वाले एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज में काफी पिछड़ जा रहे हैं. इससे उनका बेस कमजोर हो गया है. नयी योजना के कारण बच्चों का भविष्य बेहतर होगा. साथ ही वो प्राइवेट स्कूल के बच्चों की बाबरी कर पाएंगे.

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