बिहार में यहां भगवान बुद्ध की अस्थियों को मिली बुलेटप्रूफ सुरक्षा, जानिए क्यों की गई यह विशेष पहल

Bihar News: वैशाली में बना बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप अपनी सुंदर बनावट, अनोखी कलाकारी और भगवान बुद्ध की पवित्र अस्थियों के लिए खास पहचान रखता है. स्तूप के पहले तल पर रखी इन अस्थियों को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए इसे बुलेटप्रूफ कांच में रखा गया है.

By Rani Thakur | August 14, 2025 1:08 PM

Bihar News: वैशाली में बना बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप अपनी सुंदर बनावट, अनोखी कलाकारी और भगवान बुद्ध की पवित्र अस्थियों के लिए खास पहचान रखता है. दूर-दूर से लोग यहां इन अवशेषों के दर्शन करने आते हैं. स्तूप के पहले तल पर रखी इन अस्थियों को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए इसे बुलेटप्रूफ कांच में रखा गया है. यहां आधुनिक सुरक्षा व्यवस्था भी की गई है, ताकि आने वाली पीढ़ियां भी इन्हें देख और संजो सकें.

चारों ओर से कर सकते है दर्शन

अस्थि कलश को 1.45 मीटर ऊंचे पत्थर के बने सुंदर सिंहासन पर रखा गया है, ताकि श्रद्धालु इसे चारों तरफ से देख सकें. इस सिंहासन पर पीतल चढ़ा है, जिस पर बौद्ध कला की आकृतियां बनाई गई हैं.

परिक्रमा के लिए है खास रास्ता

पहली मंजिल तक जाने के लिए तोरण द्वार के दोनों तरफ छोटे-छोटे रैंप बने हैं. यहां 40 ताकों में भगवान बुद्ध की अलग-अलग मुद्राओं की मूर्तियां और बौद्ध कलाकृतियां सजाई गई हैं. श्रद्धालुओं के लिए अस्थि कलश की परिक्रमा करने का खास रास्ता भी बनाया गया है.

ठहरने की है पूरी व्यवस्था

यहां आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक रुकने के लिए 12 निजी कमरे और 96 लोगों की क्षमता वाला डॉरमेट्री सहित अतिथि गृह का इस्तेमाल कर सकते हैं. यह संग्रहालय-सह-स्तूप सिर्फ धार्मिक महत्व नहीं रखता, बल्कि सांस्कृतिक धरोहर और पर्यटन के लिहाज से भी खास है. परिसर में आधुनिक पुस्तकालय, ध्यान स्थल, संग्रहालय, आगंतुक केंद्र, एम्फीथिएटर और कैफेटेरिया जैसी सुविधाएं मौजूद हैं.

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धार्मिक आस्था और पर्यटन का बना संगम

यह स्तूप सिर्फ आस्था का केंद्र नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बौद्ध तीर्थ यात्रा मार्ग का अहम पड़ाव बनता जा रहा है. देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु यहां भगवान बुद्ध की अस्थियों के दर्शन के साथ-साथ वैशाली की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को भी नजदीक से जान पाते हैं.

(जयश्री आनंद की रिपोर्ट)

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