बिहार के इस गांव में हर घर के सामने महकती है चंदन की खुशबू, जानिए क्या है अनोखी परंपरा
Bihar News: बिहार का एक गांव जहां बेटी के जन्म लेने पर सिर्फ खुशियां हीं नहीं मनाई जाती बल्कि चंदन का पेड़ भी लगाया जाता है. दअसल, ये कहानी है पटना से करीब 35 किलोमीटर दूर वैशाली के पकौली गांव की. यह गांव बिदुपुर प्रखंड के तहत आता है.
Bihar News: बिहार का एक गांव जहां बेटी के जन्म लेने पर सिर्फ खुशियां हीं नहीं मनाई जाती बल्कि चंदन का पेड़ भी लगाया जाता है. दअसल, ये कहानी है पटना से करीब 35 किलोमीटर दूर वैशाली के पकौली गांव की. यह गांव बिदुपुर प्रखंड के तहत आता है. इस गांव में लगभग 700 घर हैं, जबकि गांव की आबादी करीब 4000 होगी. इस गांव से गुजरते वक्त सभी घरों के आगे चंदन का पेड़ देखने को मिलता है. वर्तमान में पकौली में लगभग 900 से अधिक चंदन के पेड़ देखने को मिल जाएंगे.
पेड़ लगाने के पीछे की परंपरा
ऐसे देखा जाए तो बिहार की मिट्टी चंदन के पेड़ों के लिए अनुकूल नहीं है, पर बिदुपुर की कहानी थोड़ी अलग है. यहां के कई गांवों में चंदन के पेड़ दिखाई पड़ते हैं. कहा जाता है कि यहां जब घर में बेटी होती है तो चंदन के पेड़ लगाने की परंपरा है. हालांकि यह परंपरा कब से चली आ रही है इसकी जानाकरी किसी को नहीं है. पर लोगों का कहना है कि बहुत सालों से यह परंपरा निभाई जा रही है.
मनमोहक सुगंध का मास्टर मल्यागिरी चंदन
यहां मल्यागिरी चंदन के पेड़ होते हैं. मल्यागिरी चंदन की सबसे बड़ी खासियत इसकी भीनी और मनमोहक सुगंध है, जो लंबे समय तक बनी रहती है. इसे ज्यादातर पवित्र अनुष्ठानों, तिलक लगाने, पूजा-पाठ और त्वचा की देखभाल के उत्पादों में इस्तेमाल किया जाता है.
करिश्मा से कम नहीं
स्थानीय लोगों का मानना है कि इस गांव में कुदरत का अद्भुत करिश्मा है. गांव के चारों ओर आपको चंदन के पौधे मिल जाएंगे. बेटियों के जन्म के साथ ही खेतों में चंदन के पौधे उग आते हैं. इसके बाद ग्रामीण इसे घर में लाकर लगाते हैं.
फैमिली मेंबर की तरह देता एहसास
कहा जाता है कि तोता चंदन के बीज चुंगते हैं और उसे खेतों में गिरा देते हैं. जिसके बाद वहां खेत में पौधा उग आता है. चंदन का पेड़ फैमिली मेंबर की तरह हर सुख-दुख में साथ देता है. देखने में ऐसा लगता है जैसे गांव के हर दरवाजे पर मौजूद चंदन का पेड़ हमेशा मदद के लिए तैयार रहता है.
कितनी होती है कीमत
मिली जानकारी के अनुसार एक चंदन के पौधे की कीमत 100 रुपये से शुरू होती है. पेड़ 10 से 12 साल में अपना आकार ले लेता है. पेड़ जितना पुरानी होगा कीमत उतनी अधिक होगी. इसकी कीमत 50-60 हजार रुपये से लेकर करीब 2 लाख तक पहुंच जाती है. यहां ज्यादातर हरियाणा से खरीददार आते हैं.
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शुभ मानी जाती है चंदन की लड़की
चंदन की लकड़ी शादी विवाह में शुभ मानी जाती है. जब किसी की मृत्यु होती है, तो वहां भी चंदन की लकड़ी का इस्तेमाल होता है. यह इनकम का भी स्त्रोत है. यह पेड़ काफी सुगंधित होता है. कहा जाता है कि पकौली की धरती इतनी शुभ है कि यहां चंदन के पेड़ों की भरमार है.
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