कद्दू की खेती किसानों के लिए हो रही लाभदायक

प्रेमराज : युवाओं ने खेती को ही किसान व्यवसाय बनाकर अच्छी आमदनी का स्रोत बनाया है. गोरौल प्रखंड क्षेत्र की युवा परंपरागत खेती को छोड़ नयी-नयी तकनीक से सब्जी उपजा कर आर्थिक रूप से समृद्ध हो रहे हैं. ऐसे ही एक युवा किसान स्नातक करने के बाद सब्जी की खेती कर उन्नति ला रहे हैं.... […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 17, 2019 6:58 AM

प्रेमराज : युवाओं ने खेती को ही किसान व्यवसाय बनाकर अच्छी आमदनी का स्रोत बनाया है. गोरौल प्रखंड क्षेत्र की युवा परंपरागत खेती को छोड़ नयी-नयी तकनीक से सब्जी उपजा कर आर्थिक रूप से समृद्ध हो रहे हैं. ऐसे ही एक युवा किसान स्नातक करने के बाद सब्जी की खेती कर उन्नति ला रहे हैं.

इसी का एक उदाहरण वैशाली जिले की गोरौल प्रखंड के सोंधो वासुदेव गांव निवासी सकलदेव राम है, जो सब्जी की खेती व बेचकर कर सालाना एक लाख से ढ़ेड लाख रुपये की शुद्ध मुनाफा कमा रहे हैं.
सकलदेव राम स्नातक की पढ़ाई करने के बाद वैज्ञानिक पद्धति से सब्जी की खेती कर और किसानों के लिए प्रेरणा दायक बन गये हैं. इस बार छितरौली निवासी संजीत कुमार ने भी अपने 5 कट्ठा जमीन में बोतल गार्ड एफ वन हाइब्रिड पर भेद के गोलाकार लौकी की फसल लगाये हैं.
लौकी का उत्पादन भी शुरू हो चुका है. एक एकड़ खेत में हर दूसरे दिन 200 से 250 तैयार लौकी निकल रहा है. लौकी की खेती के लिए खेत और बिछड़ा की तैयारी हम कैसे करें. किसान ने बताया कि इस पर भेद के लौकी के बीज को 12 घंटे तक पानी में डालकर सुबह निकाल दिया जाता है.
उसके बाद 10 फीट की लंबाई और उतनी ही चौड़ाई की दूरी पर एक पौधा से दूसरे पौधा के बीच रखा जाता है. बीज के अंकुरित होने के बाद चारों तरफ निकोनी की जाती है. पौधा जब 3 फीट की हो जाती है, तो बांस के मचान बनाकर उसको चढ़ाया जाता है.
आवश्यकता के अनुसार समय-समय पर सिंचाई की जरूरत होती है. पौधा में पीले पत्ते को हटाया जाता है. प्रथम लौकी का फल लगते ही उर्वरक दिया जाता है. समय-समय पर उसमें कीटनाशक तथा फफूंद नाशक का छिड़काव किया जाता है. किसान को इसकी रोपाई अगस्त महीने में करनी चाहिए.