दर्जनों कर्मियों के वेतन पर रोक

हाजीपुर : कृषि टास्क फोर्स की मंगलवार को डीएम कक्ष में हुई. बैठक में विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की गयी. बैठक में सबसे पहले डीएम राजीव रौशन ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना की प्रखंडवार समीक्षा की. इस दौरान चेहराकलां, देसरी एवं पटेढ़ी बेलसर प्रखंडों में आवेदनों का निष्पादन संतोषजनक पाया गया. वहीं भगवानपुर, गोरौल, हाजीपुर, […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 17, 2019 3:11 AM

हाजीपुर : कृषि टास्क फोर्स की मंगलवार को डीएम कक्ष में हुई. बैठक में विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की गयी. बैठक में सबसे पहले डीएम राजीव रौशन ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना की प्रखंडवार समीक्षा की. इस दौरान चेहराकलां, देसरी एवं पटेढ़ी बेलसर प्रखंडों में आवेदनों का निष्पादन संतोषजनक पाया गया. वहीं भगवानपुर, गोरौल, हाजीपुर, जंदाहा, लालगंज, पातेपुर एवं वैशाली में स्थिति संतोषजनक नहीं पायी गयी.

जिन प्रखंडों में योजना के कार्यान्वयन की स्थिति चिंताजनक पायी गयी, वहां बीएओ से शोकॉज करने एवं वेतन बंद करने का निर्देश डीएम ने दिया. वहीं गोरौल प्रखंड में खराब निष्पादन पर नाराजगी प्रकट करते हुए डीएम ने सभी राजस्वकर्मी, अंचल निरीक्षक, सीओ, सभी किसान सलाहकार, को-ऑर्डिनेटर एवं बीएओ से शोकॉज व वेतन बंद करने का निर्देश दिया, साथ ही गोरौल के प्रखंड कृषि पदाधिकारी पर प्रपत्र क भरने का निर्देश दिया.
पातेपुर प्रखंड की स्थिति भी गोरौल की तरह ही चिंताजनक पाये जाने पर वहां के राजस्वकर्मी, अंचल निरीक्षक, सीओ, किसान सलाहकार, को-ऑर्डिनेटर एवं बीएओ से शोकॉज करते हुए वेतन बंद करने का आदेश डीएम ने दिया गया. डीएम ने 15 दिनों से अधिक समय से लंबित आवेदनों की सूची बनाने तथा कैंप लगाकर शीघ्र निष्पादित करने को कहा.
उन्होंने सभी बीएओ को निर्देश दिया कि किसानों के साथ बैठक कर उन्हें ऑनलाइन आवेदन भरने की जानकारी दें. डीएम ने वर्षापात की भी समीक्षा की. समीक्षा में जुलाई में अबतक सामान्य से अधिक बारिश होने की पुष्टि की गयी. बीज उपलब्धता की समीक्षा करते हुए डीएम ने डीएओ को निर्देश दिया कि कई योजनाओं के बजाय एक ही एकीकृत योजना से बीज की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये.
सहकारिता विभाग द्वारा चलायी जा रही बिहार राज्य फसल सहायता योजना खरीफ के ऑनलाइन निबंधन की भी समीक्षा की गयी. बताया गया कि 20 प्रतिशत तक फसल की क्षति होने पर प्रति हेक्टेयर 75 सौ रुपये तथा 20 प्रतिशत से अधिक क्षति होने पर 10 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की राशि की सहायता मिलने का प्रावधान है.

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