इस्ट–वेस्ट कॉरिडोर के समानांतर सड़क का हुआ टेंडर जारी, 1467.26 करोड़ की लागत से बनेगी 94 किमी सड़क

केंद्र सरकार ने इस्ट–वेस्ट कॉरिडोर के समानांतर एनएच–327‘ई’ के गलगलिया – ठाकुरगंज– बहादुरगंज–अररिया के बीच फोरलेन सड़क बनाने के लिए टेंडर जारी कर दिया है. करीब 94 किमी की लंबाई में बनने वाली इस सड़क के निर्माण पर 1467.26 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है.

By Prabhat Khabar | September 23, 2020 11:56 PM

पटना : केंद्र सरकार ने इस्ट–वेस्ट कॉरिडोर के समानांतर एनएच–327‘ई’ के गलगलिया – ठाकुरगंज– बहादुरगंज–अररिया के बीच फोरलेन सड़क बनाने के लिए टेंडर जारी कर दिया है. करीब 94 किमी की लंबाई में बनने वाली इस सड़क के निर्माण पर 1467.26 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है. इसके लिये जमीन उपलब्ध है. निर्माण एजेंसी के चयन और कार्य आवंटन के बाद दो वर्ष के भीतर काम पूरा करने का लक्ष्य है. सड़क बनाने के बाद अगले 15 साल तक इसके रखरखाव की जिम्मेदारी भी निर्माण एजेंसी की ही होगी. यह जानकारी पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने दी.

श्री यादव ने बताया कि एनएचएआइ ने एनएच-327‘ई’ के एलाइनमेंट पर फोरलेन सड़क बनाने के लिए दो पैकेज में टेंडर जारी किया है. पहले पैकेज में बिहार और पश्चिम बंगाल सीमा पर गलगलिया से बहादुरगंज 49 किमी की लंबाई में सड़क बनेगी. इसके लिए 737.1 करोड़ रुपये लागत का अनुमान है. वहीं दूसरे पैकेज में बहादुरगंज से अररिया के बीच 45 किमी की लंबाई में सड़क बनाने पर करीब 730.25 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है. टेंडर प्राप्ति की अंतिम तारीख तीन नवंबर है. चार नवंबर को टेंडर खुलेगा.

पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने कहा कि केंद्र सरकार के प्रति आभार जताते हुये कहा कि इस वर्ष के अंत तक निर्माण एजेंसी का चयन कर काम शुरू करने का लक्ष्य है. इस सड़क की उपयोगिता और सामरिक महत्व को देखते हुए भारतमाला परियोजना के तहत फोरलेन सड़क निर्माण के लिए एनएचएआई ने टेंडर आमंत्रित किया है. भारत–नेपाल सीमा के काफी करीब स्थित इस सड़क का निर्माण भारत–चीन युद्ध के बाद लेटरल रोड परियोजना के तहत किया गया था, जिसे तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल में लागू राष्ट्रीय सम विकास योजना के तहत चौड़ीकरण कर दो लेन सड़क में केंद्रीय लोक निर्माण विभाग द्वारा परिवर्तित की गयी थी. बाद में बिहार के लिए घोषित प्रधानमंत्री पैकेज 2015 के तहत इस सड़क के अधिकांश भाग को पेभ्ड सोल्डर के साथ दो लेन सड़क में विकसित किया गया है. इस पथ के निर्माण से बाढ़ प्रभावित सीमांचल क्षेत्र में विकास की नयी किरण का उदय होगा.

posted by ashish jha

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