बिहार में एक शिक्षक पर अब इतने बच्चों की जिम्मेदारी, सरकारी स्कूलों में हुआ जबरदस्त सुधार

बिहार लोक सेवा आयोग की तरफ से दूसरे चरण के 94 हजार से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति के बाद राज्य में छात्र: शिक्षक अनुपात में जबरदस्त सुधार हो गया है. खास कर माध्यमिक स्कूल में दो से ढाई गुना तक शिक्षक -छात्र अनुपात बेहतर हुआ है.

By Anand Shekhar | January 13, 2024 3:38 PM

Bihar Teacher : बिहार में शिक्षकों की बहाली में एक नया रिकॉर्ड बना है. पिछले दो महीने में बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के माध्यम से राज्य में करीब दो लाख शिक्षकों की नियुक्ति हुई है. राज्य सरकार की इस पहल से न सिर्फ दो लाख परिवारों में खुशियां फैली हैं, बल्कि राज्य के 80 हजार से ज्यादा सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 2 करोड़ बच्चों के भविष्य की पृष्ठभूमि भी तैयार हो गई है. शिक्षकों की इस बहाली से सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था पटरी पर लौटने लगी है. स्कूलों में शिक्षक-छात्र अनुपात भी पहले से बेहतर हुआ है.

प्राथमिक में विद्यार्थी-शिक्षक अनुपात हुआ बेहतर

बिहार लोक सेवा आयोग की तरफ से दूसरे चरण के 94 हजार से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति के बाद राज्य में छात्र : शिक्षक अनुपात में जबरदस्त सुधार हो गया है. प्राथमिक विद्यालय में अब Pupil-Teacher Ratio (PTR) अनुपात 35 छात्र : 1 शिक्षक हो गया है. यह राष्ट्रीय विद्यार्थी-शिक्षक अनुपात के बराबर है. वहीं यह अनुपात पहले चरण की विद्यालय अध्यापक की नियुक्ति के बाद यह 38 शिक्षक :1 छात्र हो गया था. दो लाख शिक्षकों की नियुक्ति से पहले यह अनुपात 45 छात्र :1 शिक्षक था. वहीं वर्ष 2005 में यह विद्यार्थी-शिक्षक अनुपात 65 शिक्षक : 1 छात्र हो गया था .

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माध्यमिक में विद्यार्थी-शिक्षक अनुपात में सर्वाधिक सुधार

दूसरे चरण की शिक्षक नियुक्ति के बाद माध्यमिक स्कूलों में विद्यार्थी और शिक्षक अनुपात घटकर 36 शिक्षक : 1 छात्र हो गया है. वहीं पहले चरण में यह अनुपात 50 शिक्षक : 1 छात्र का था. बीपीएससी विद्यालय अध्यापक नियुक्ति से पहले यह अनुपात 88 शिक्षक : 1 छात्र का था. इस तरह माध्यमिक स्कूल में दो से ढाई गुना तक शिक्षक -छात्र अनुपात Pupil-Teacher Ratio (PTR) घटा है.

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शिक्षक बढ़ने से बढ़ी चहल-पहल

पहले चरण में चयनित शिक्षकों की पोस्टिंग ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में प्राथमिकता के आधार पर की गयी है, जिससे शिक्षकों की कमी के कारण लंबे समय से जिन स्कूलों में पढ़ाई बाधित थी, वहां भी अब चहल – पहल दिखने लगी है. हालांकि दूसरे चरण में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए नगर निकाय के स्कूलों में भी शिक्षक-छात्र अनुपात की समीक्षा की जाएगी. जरूरत के अनुसार शिक्षकों की पोस्टिंग के लिए जिलों से रिक्ति भी मांगी गयी है.

छात्रों के लिए शुरू हुई विशेष कक्षा

शिक्षकों की संख्या बढ़ने की वजह से स्कूली परीक्षा के साथ ही 10वीं और 12वीं के लिए बिहार बोर्ड की ओर से आयोजित होने वाली परीक्षा का परिणाम भी इस साल से बेहतर होने की उम्मीद है. माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में भी बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले बच्चों के लिए विशेष क्लास संचालित की जा रही है. इसको लेकर विभाग की ओर से निर्देश जारी किया गया है. सभी विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को इसके लिए विशेष टास्क दिया गया है.

अभिभावकों को इस बात के लिए आश्वस्त किया जा रहा है कि विद्यालय में बीपीएससी से चुनकर आये शिक्षक उनके बच्चों को बोर्ड परीक्षा की तैयारी बेहतर तरीके से करायेंगे, इसलिए स्पेशल क्लास में अपने बच्चों को जरूर भेजें.

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दो लाख से अधिक अध्यापकों की नियुक्तियों का कीर्तिमान

राज्य की बेहतर होती शैक्षणिक व्यवस्था में 12 जनवरी (शनिवार) को गांधी मैदान में एक बार फिर नया पन्ना जुड़ा है. यहां 26 हजार से ज्यादा और पूरे प्रदेश में 94,052 नवचयनित शिक्षकों को नियुक्ति पत्र बांटे जा रहे हैं. यह पूरी कवायद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में हो रही है. इससे पहले 2 नवंबर 2023 को इसी मैदान में एक लाख से अधिक शिक्षकों को नियुक्ति पत्र बांटकर इतिहास रचा गया था. खास बात यह है कि सभी स्कूल शिक्षकों की नियुक्ति ग्रामीण क्षेत्रों में की गयी है.

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