गाजे-बाजे और समदाउन गीत के साथ मां दुर्गा की प्रतिमा का किया विसर्जन
शक्ति की अधिष्ठात्री मां दुर्गा का महानुष्ठान शारदीय नवरात्र पर शुक्रवार देर रात प्रतिमा विसर्जन के साथ सम्पन्न हो गया.
सुपौल. शक्ति की अधिष्ठात्री मां दुर्गा का महानुष्ठान शारदीय नवरात्र पर शुक्रवार देर रात प्रतिमा विसर्जन के साथ सम्पन्न हो गया. 10 दिनों तक चले पूजा-पाठ और भक्ति के माहौल के बाद श्रद्धालुओं ने भावभीनी विदाई दी. इस दौरान पूरा वातावरण मिथिला के पारंपरिक समदाउन गीतों से गमगीन हो गया.
विजयादशमी के दिन से शुरू हुआ प्रतिमा विसर्जन का क्रम शुक्रवार देर रात तक जारी रहा. विभिन्न पूजा पंडालों से माता दुर्गा की प्रतिमा गाजे-बाजे और जयकारों के बीच निकली. विशेषकर युवा भक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा था. ढोल-नगाड़े और शंखध्वनि के बीच भक्तों की भीड़ ‘जय माता दी’ के उद्घोष से गूंज रही थी.माहौल को गमगीन बना गया समदाउन गीत
मिथिला की परंपरा के अनुसार प्रतिमा विसर्जन से पहले महिलाओं ने समदाउन गीत गाया. एहि घरक लक्ष्मी जाय छी माय, सभक कृपा राखिहौं मात भवानी, विदा भेलहुं, पुनु आबि अहां, नित्य-नित्य रहू सुख-शांति…इन भावुक बोलों से माहौल गमगीन हो गया. कई महिलाएं नम आंखों से भगवती को विदा करती दिखीं, तो वहीं युवा भक्त जयकारा लगाकर माता के आशीर्वाद की कामना करते रहे.शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हुआ विसर्जन
प्रतिमा विसर्जन को लेकर शहर में विशाल जुलूस निकाला गया. प्रतिमाओं को सजे-धजे वाहनों और रथों पर रखकर तालाब तक ले जाया गया. मार्ग में भक्तों ने नृत्य और भक्ति गीतों से माहौल को भक्ति रस में डुबो दिया. विसर्जन के दौरान विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन सक्रिय रहा. पुलिस पदाधिकारी सहित कई अधिकारी देर शाम तक मॉनिटरिंग करते नजर आए. पुलिस बल की तैनाती और चौकसी के कारण विसर्जन शांतिपूर्ण माहौल में सम्पन्न हुआ. श्रद्धालुओं ने विश्वास जताया कि मां दुर्गा अगले वर्ष फिर सुख-समृद्धि और मंगलकामनाओं के साथ पधारेंगी. भक्तों के मन में आस्था और विश्वास का वही जज्बा रहा कि माता दुर्गा की कृपा से हर विपदा दूर होगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
