डगमारा-सिकरहट्टा में एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए भूमि सर्वेक्षण तेज, किसानों को मिलेगा मुआवजा
गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक बनने वाले 568 किलोमीटर लंबे छह लेन एक्सप्रेसवे को केंद्र सरकार की हरी झंडी मिलने के बाद सुपौल जिले में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज हो गयी है.
कुनौली. गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक बनने वाले 568 किलोमीटर लंबे छह लेन एक्सप्रेसवे को केंद्र सरकार की हरी झंडी मिलने के बाद सुपौल जिले में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज हो गयी है. परियोजना के तहत डगमारा और सिकरहट्टा मौजा में सर्वेक्षण कार्य शुक्रवार और शनिवार को अंचलाधिकारी विजय प्रताप के नेतृत्व में किया गया. निरीक्षण के दौरान अंचलाधिकारी ने बताया कि डगमारा मौजा में लगभग 13 एकड़ और सिकरहट्टा मौजा में करीब 64 एकड़ भूमि का सर्वेक्षण किया गया. उन्होंने कहा कि यह कार्य विभागीय आदेश के तहत तेजी से आगे बढ़ रहा है, ताकि समय पर अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर प्रभावित किसानों को न्यायसंगत और पारदर्शी मुआवजा मिल सके. अंचलाधिकारी ने स्पष्ट किया, हमारा प्रयास है कि हर भूमि मालिक को समय पर उचित मुआवजा मिले और परियोजना में किसी तरह की देरी न हो. यह एक्सप्रेसवे क्षेत्र के विकास की दिशा में एक नया अध्याय लिखेगा. स्थानीय ग्रामीणों ने इस परियोजना का स्वागत किया. उनका कहना है कि एक्सप्रेसवे बनने से परिवहन और संपर्क सुविधाओं में व्यापक सुधार होगा. इससे न केवल व्यापार को गति मिलेगी, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे. हालांकि, किसानों ने मांग की है कि उन्हें समय पर और पूरी पारदर्शिता के साथ मुआवजा दिया जाए, ताकि उनकी आजीविका पर असर न पड़े.
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी को जोड़ेगा एक्सप्रेसवे
विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक्सप्रेसवे भारत माला परियोजना के तहत एक महत्वपूर्ण कड़ी है, जो उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी तक को जोड़ेगा. इसके पूरा होने पर एक छह लेन का आधुनिक और तेज गति वाला सड़क नेटवर्क तैयार होगा, जिससे न केवल यात्रा समय में बड़ी कमी आएगी बल्कि क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कनेक्टिविटी को नयी गति मिलेगी. गौरतलब है कि निर्माण कार्य शुरू होने से पहले प्रशासन का फोकस प्रभावित भूमि के सर्वेक्षण और अधिग्रहण प्रक्रिया को पारदर्शी ढंग से पूरा करना है. मौके पर अंचलाधिकारी विजय प्रताप के साथ रेवेन्यू ऑफिसर साहिना बेगम, पंचायत मुखिया गंगा प्रसाद साह, आदित्य झा, रामकुमार यादव सहित अन्य स्थानीय प्रतिनिधि और कर्मचारी मौजूद रहे.
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