पड़ोसी देश नेपाल के भक्त भी आते हैं मातारानी का आशीर्वाद लेने

मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से मां के दरबार में आता है, वह कभी खाली हाथ नहीं लौटता

By RAJEEV KUMAR JHA | September 28, 2025 6:09 PM

प्रतापगंज. प्रखंड मुख्यालय प्रतापगंज बाजार स्थित ऐतिहासिक सार्वजनिक दुर्गा मंदिर इन दिनों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना हुआ है. दशहरा के अवसर पर यहां न केवल आसपास के गांवों से बल्कि पड़ोसी देश नेपाल से भी भक्त माता रानी का आशीर्वाद लेने पहुंच रहे हैं. मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से मां के दरबार में आता है, वह कभी खाली हाथ नहीं लौटता. स्थानीय ग्रामीण बताते हैं कि इस मंदिर का निर्माण हरावत राज के जमींदार गणपत सिंह और नरपत सिंह ने 1950 ई से पहले कराया था. प्रारंभ में मंदिर फूस का बना था, फिर बांस और टीन से इसका रूप बदला. बाद में स्व किशोर महतो के प्रयासों से यह पक्का मंदिर बन पाया. मंदिर के रखरखाव की जिम्मेदारी पहले स्व सूर्य नारायण मल्लिक के पास थी. समय के साथ मंदिर कमेटी गठित हुई. अध्यक्ष यदुनंदन लहोटिया के निधन के बाद अब उपाध्यक्ष इंजीनियर मोतीलाल यादव, सचिव विजेंद्र लाल दास और कोषाध्यक्ष विपिन कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में स्थानीय युवाओं की मदद से मंदिर का भव्य स्वरूप तैयार किया गया है. करोड़ों की लागत से बने इस मंदिर का ग्राउंड फ्लोर और फर्स्ट फ्लोर पूरा हो चुका है, जबकि बाहरी सजावट और टाइल्स का काम जारी है. इस बार के आयोजन की खास बातें इस वर्ष की प्रतिमा भवानीपुर दक्षिण पंचायत निवासी एवं विश्वनाथ गैस एजेंसी के प्रोपराइटर ध्रुव प्रसाद भगत द्वारा दान की गई है. प्रतिमा का निर्माण बंगाल के प्रसिद्ध कलाकार चितरंजन बासुपल ने किया है, जबकि पंडाल का काम कुशल कारीगरों द्वारा किया गया है. मंदिर के पुजारी प्रमोद झा परंपरागत विधि-विधान से पूजा करा रहे हैं. संध्या आरती, भजन-कीर्तन और मैया जागरण लगातार हो रहा है. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्र में सीसीटीवी लगाए गए हैं. रोशनी, पानी, शौचालय और बिजली की व्यवस्था की गई है. पूजा समिति के वालंटियर और सदस्य पूरी तरह सक्रिय हैं. प्रशासन भी सतर्क है. प्रखंड विकास पदाधिकारी अमरेश कुमार मिश्रा, अंचलाधिकारी आशू रंजन, बीपीआरओ शिल्पा कुमारी और थाना अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार सशस्त्र बल के साथ लगातार मंदिर परिसर का जायजा ले रहे हैं. रावण दहन और विसर्जन कार्यक्रम 02 अक्टूबर 2025 को शाम 5 बजे भव्य रावण दहन का आयोजन किया जाएगा. इसके बाद 03 अक्टूबर 2025, शुक्रवार सुबह 10 बजे बैंड-बाजे और आतिशबाजी के बीच शांतिपूर्ण ढंग से विसर्जन जुलूस निकाला जाएगा और मां की प्रतिमा विसर्जित की जाएगी. प्रतापगंज का सार्वजनिक दुर्गा मंदिर न केवल आस्था का प्रतीक है बल्कि हर वर्ष होने वाले इस आयोजन से सामाजिक एकता, संस्कृति और परंपरा का भी अद्भुत संदेश पूरे क्षेत्र में फैलता है.

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