पर्यवेक्षण गृह में विधि-विवादित बच्चों को मिलेगा सुरक्षित आवास

सदर प्रखंड के सुखपुर में नवनिर्मित पर्यवेक्षण गृह का डीएम ने किया उद्घाटन

By RAJEEV KUMAR JHA | December 1, 2025 6:03 PM

– सदर प्रखंड के सुखपुर में नवनिर्मित पर्यवेक्षण गृह का डीएम ने किया उद्घाटन सुपौल. सदर प्रखंड के सुखपुर में पर्यवेक्षण गृह बनाया गया है. अब जिले के विधि-विवादित बच्चों को मधेपुरा नहीं भेजा जाएगा. इस पर्यवेक्षण गृह के बन जाने से अब बच्चों को स्थानीय स्तर पर ही सुरक्षित आवास, काउंसलिंग, विधिक सहायता और सुधारात्मक गतिविधियों की सुविधा मिलेगी. सोमवार को डीएम सावन कुमार ने नवनिर्मित पर्यवेक्षण गृह का उद्घाटन किया. उन्होंने बताया कि यह बाल देखरेख संस्थान बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग के अधीन जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा संचालित किया जाएगा. इसका उद्देश्य उन किशोरों को सुरक्षित आवास, देखरेख एवं संरक्षण उपलब्ध कराना है, जो विधि-विवादित श्रेणी में आते हैं. उन्होंने बताया कि किशोर न्याय अधिनियम 2015 के अनुसार ऐसे बच्चे जिनकी आयु 18 वर्ष से कम हो तथा जिन पर किसी अपराध के किए जाने की सूचना दर्ज हो वे विधि-विवादित श्रेणी में रखे जाते हैं. ऐसे मामलों की सुनवाई पर्यवेक्षण गृह परिसर में ही संचालित किशोर न्याय परिषद द्वारा की जाती है. कहा कि सुपौल में पर्यवेक्षण गृह की स्थापना से पहले इस जिले के विधि-विवादित बच्चों को मधेपुरा भेजा जाता था. सुनवाई की तिथि आने पर उन्हें पुनः सुपौल लाया जाता था, जो बच्चों और प्रशासन दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण था. नए पर्यवेक्षण गृह के शुरू हो जाने से अब बच्चों को स्थानीय स्तर पर ही सुरक्षित आवास, काउंसलिंग, विधिक सहायता और सुधारात्मक गतिविधियों की सुविधा मिलेगी. उद्घाटन के बाद डीएम, किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी व सहायक निदेशक (बाल संरक्षण) ने पूरे परिसर का निरीक्षण किया. उन्होंने आवासन, सुरक्षा, काउंसलिंग, चिकित्सा, शिक्षा एवं अन्य आवश्यक सुविधाओं का जायजा लिया। डीएम ने पर्यवेक्षण गृह के कर्मियों को संस्थान के बेहतर संचालन और किशोरों के पुनर्वास के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए. मौके पर किशोर न्याय परिषद के दंडाधिकारी अरविंद मिश्रा, सहायक निदेशक बाल संरक्षण दिवेश कुमार शर्मा आदि मौजूद थे.

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