निर्मल मन से भजन करने पर मनुष्य को प्राप्त होते हैं प्रभु: अनन्या शर्मा
अनन्या जी ने भगवान के 24 अवतारों की विस्तृत कथा सुनाई
सुपौल. गणेश उत्सव समिति द्वारा गांधी मैदान में चल रहे श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह के द्वितीय दिवस पर शुक्रवार को कथा वाचिका अनन्या शर्मा ने भक्तों को भगवान के अवतारों एवं उनके दिव्य चरित्रों का श्रवण कराया. उन्होंने कहा कि मनुष्य यदि निर्मल मन से ईश्वर का भजन करे तो प्रभु स्वयं उसे प्राप्त हो जाते हैं. अनन्या जी ने भगवान के 24 अवतारों की विस्तृत कथा सुनाई. उन्होंने बताया कि जब-जब धरती पर अधर्म बढ़ा है, तब-तब प्रभु ने अवतार लेकर धर्म की स्थापना की है. सर्वप्रथम भगवान ने सोनकादिक ऋषियों के रूप में अवतार लिया, इसके बाद वराह अवतार में पृथ्वी को पाताल से उठाया. आगे राम और कृष्ण के पूर्ण अवतार का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि कलयुग के अंत में भगवान कल्कि अवतार धारण करेंगे. कथा के दौरान उन्होंने वेदव्यास जी के मोहित होने और नारद जी द्वारा सुनाए गए चतुर श्लोकी भागवत की चर्चा की. महाभारत के प्रसंगों को सुनाते हुए उन्होंने बताया कि किस प्रकार श्रीकृष्ण ने अश्वत्थामा के ब्रह्मास्त्र से अभिमन्यु पुत्र की रक्षा की, जो आगे चलकर राजा परीक्षित बने. कुंती और भगवान श्रीकृष्ण के संवाद का उल्लेख करते हुए अनन्या जी ने बताया कि कुंती ने प्रभु से दुख मांगा ताकि हर क्षण उनका स्मरण होता रहे. इसी क्रम में भीष्म प्रतिज्ञा की कथा सुनाई और यह बताया कि मृत्यु के समय स्वयं श्रीकृष्ण उनके समीप उपस्थित हुए. कथा के अंत में उन्होंने कलयुग की महिमा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “कलयुग में केवल भगवान का नाम ही मनुष्य को भवसागर से पार कराता है. परीक्षित चरित्र, ध्रुव की अल्पायु भक्ति तथा सती चरित्र व शिव विवाह की कथाएं भी श्रोताओं को भाव-विभोर कर गई. कार्यक्रम के दौरान अनन्या जी द्वारा प्रस्तुत भजनों पर श्रद्धालु झूम उठे. पूरा गांधी मैदान भक्तिमय वातावरण में सराबोर हो गया.
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