पीएचसी में एक भी महिला चिकित्सक नहीं

महाराजगंज पीएचसी अस्पताल में एएनएम,आशा और ममता के भरोसे ही महिलाओं का इलाज होता है.पीएचसी में महिला डॉक्टर के कमी के कारण मरीजों और परिजनों को परेशानी होती है. पीएससी में पहले की अपेक्षा सुविधा तो बड़ी है लेकिन यहां सबसे बड़ी समस्या महिला चिकित्सको की कमी का है.

By DEEPAK MISHRA | November 12, 2025 9:44 PM

प्रतिनिधि,महाराजगंज. महाराजगंज पीएचसी अस्पताल में एएनएम,आशा और ममता के भरोसे ही महिलाओं का इलाज होता है.पीएचसी में महिला डॉक्टर के कमी के कारण मरीजों और परिजनों को परेशानी होती है. पीएससी में पहले की अपेक्षा सुविधा तो बड़ी है लेकिन यहां सबसे बड़ी समस्या महिला चिकित्सको की कमी का है. जनसंख्या के अनुपात में पीएचसी में विशेषज्ञ डॉक्टरों की घोर अभाव है.1990 मे डॉ. नसीमा हसन महिला चिकित्सक थी.जिनका 25 वर्ष पहले ही स्थानांतरण हो गया था.उसके बाद स्वास्थ्य विभाग महाराजगंज पीएचसी मे आज तक एक भी महिला चिकित्सक की तैनाती नही कर सकी. इस वजह से महिला मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यहां पर किसी महिला चिकित्सक द्वारा ही महिला मरीजों का इलाज वर्षों से किया जाता है.पुरुष डॉक्टर भी जांच के लिए एनएनएम पर निर्भर रहते हैं. इस कारण महिला मरीजों का समुचित इलाज नहीं हो पाता है. औसतन पुरुष मरीजों से अधिक महिला मरीज ही अस्पताल जांच एवं दवा के लिए आते हैं. प्रतिमाह लगभग जिसमें ढाई हजार महिला मरीजों की अस्पताल इलाज कराने के लिए आती हैं.महिला मरीजों की संख्या पुरुष मरीजों की से अधिक होने के बावजूद एक भी महिला चिकित्सक का पदस्थापना नहीं होना विभाग की साफ उदासीनता दिख रहा है. प्रसव पीड़ा से कराहती महिलाओं को भी एएनएम का भरोसा है. एएनएम ही प्रसव कराने की जिम्मेदारी संभालती है. नये साल में अबतक 300 से अधिक महिलाओं का प्रसव करा चुकी हैं. दर्जनों महिलाओं को गंभीर हाल में रेफर करना पड़ा है. 25 बेड का अस्पताल है, लेकिन डेढ़ लाख लोगों की सेहत की कमान आयुष डॉक्टरों के भरोसे है. एक्सीडेंटल व गंभीर बीमारियों के मामले में मरीजों को रेफर करने के सिवा कोई खास प्रबंध नहीं.ग्रामीण इलाके से इलाज कराने पहुंची कई महिलाओं का कहना है कि महाराजगंज पीएचसी में लेडिज डॉक्टर नही होने से हमलोगों को इलाज कराने जिला या निजी अस्पताल में जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है.साथ ही पैसा भी अधिक लगता है. अस्पताल में सुरक्षित प्रसव कराने आने वाली जच्चा को कई समस्या का सामना करना पड़ता है. अस्पताल में प्रसव के लिए आने वाली जच्चा के अभिभावक को ओक्सिटोसिन एवं मेथरनिज नामक दवा के साथ साथ कई दवाएं बाहर से खरीदनी पड़ती है. नहीं है सिजेरियन प्रसव की व्यवस्था पीएचसी में प्रसव पीडि़त महिलाओं का सिजेरियन कराने की कोई व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण कई गरीब परिवार की महिलाओं को प्रसव कराने से पूर्व मोटी रकम की व्यवस्था करनी पड़ती है. क्योंकि निजी अस्पतालों में डाक्टर मोटी रकम लेकर सिजेरियन करते हैं. बोले प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी पीएचसी में महिला चिकित्सक नहीं रहने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.वरीय अधिकारियों से महाराजगंज पीएचसी में महिला डॉक्टर की पदस्थापना की कई बार अनुरोध किया गया है .परंतु विगत कई वर्षों से एक भी महिला चिकित्सक का नियुक्ति नही हो सकी है. डॉ विपिन सिन्हा, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी

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