टीबी मुक्त का दावा करनेवाली 93 पंचायतों की होगी जांच
देश से टीबी उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाये गये कार्यक्रम टीबी मुक्त पंचायत के तहत जिले के 18 प्रखंडों के 93 पंचायतों ने जिला पंचायती राज पदाधिकारी के यहां टीबी मुक्त होने का दावा किया है. इन पंचायतों का दावा है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा तय किये गये टीबी मुक्त पंचायत के छह संकेतकों उनके द्वारा पूरा किया जा रहा है.

प्रतिनिधि, सीवान. देश से टीबी उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाये गये कार्यक्रम टीबी मुक्त पंचायत के तहत जिले के 18 प्रखंडों के 93 पंचायतों ने जिला पंचायती राज पदाधिकारी के यहां टीबी मुक्त होने का दावा किया है. इन पंचायतों का दावा है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा तय किये गये टीबी मुक्त पंचायत के छह संकेतकों उनके द्वारा पूरा किया जा रहा है. सिविल सर्जन,जिला संचारी रोग पदाधिकारी, एवं जिला पंचायती राज पदाधिकारी ने वरीय अधिकारियों के निर्देश पर टीबी मुक्त होने का दावा करने वाले सभी 93 पंचायतों के 6 संकेतकों की जांच करने के लिए सत्यापन टीम का गठन कर दिया है. सभी पदाधिकारियों को अपनी जांच रिपोर्ट आठ मार्च तक प्रस्तुत करने का निर्देश संचारी रोग पदाधिकारी द्वारा दिया गया है. ताकि 10 मार्च तक पंचायत मुक्त होने का दावा पोर्टल पर अपलोड किया जा सके. इसके लिये प्रखंडों में तैनात प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी एवं प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक को सत्यापन की जिम्मेदारी दी गयी है.खास बात यह है कि एक प्रखंड में तैनात ऐसे अधिकारियों के जिम्मे गैर प्रखंडों की जांच दी गयी है. इस क्रम में पचरुखी के पदाधिकारी प्रखंड के 8 पंचायतों, रघुनाथपुर के पदाधिकारी जीरादेई की 05 पंचायतों,हसनपुरा के पदाधिकारी सिसवन की 06 पंचायतों, सिसवन के पदाधिकारी रघुनाथपुर की 05 पंचायतों, बड़हरिया के पदाधिकारी पचरुखी के 06 पंचायतों,मैरवा के पदाधिकारी नौतन की 03 पंचायतों का सत्यापन करेंगे. इसके अलावा दरौली के अधिकारी को मैरवा के 06 पंचायतों,दारौंदा को महाराजगंज के 06 पंचायतों,बसंतपुर को लकड़ी नवीगंज के 05 पंचायतों, आंदर को हसनपुरा के 03 पंचायतों,महाराजगंज को गोरेयाकोठी के 06 पंचायतों,नौतन को गुठनी के 04 पंचायतों,गोरेयाकोठी को दारौंदा के 04 पंचायतों,गुठनी को दरौली के 06 पंचायतों,लकड़ी नवीगंज को भगवानपुर हाट के 06 पंचायतों,भगवानपुर हाट को बसंतपुर के 07 पंचायतों एवं जीरादई के प्रखंड प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी एवं प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक को आंदर के 02 पंचायतों का सत्यापन करने का भार सौंपा गया है. 6 मापदंडो को पूरा करने पर पंचायत को किया जायेगा टीबी मुक्त जिले के 18 प्रखंडों के 93 पंचायतों ने टीबी मुक्त होने के 6 मानदंडों को पूरा करने का दावा करते हुए टीबी मुक्त पंचायत होने का दावा किया है.इसमें से 11 पंचायत 2024 में टीबी मुक्त पंचायत होने पर भारत सरकार द्वारा ब्रोंज मेडल दिया गया था.इस बार वे सभी 11 पंचायते तब मुक्त होने का दावा किए है.चुने जाने पर उन्हें सिल्वर मेडल दिया जाएगा.टीबी मुक्त पंचायत का दावा करने वाले पंचायतों में प्रति एक हजार की आबादी में कम से कम 30 व्यक्तियों के स्पुटम की जांच होनी चाहिए. पंचायत में प्रति 1000 पर टीबी मरीजों की संख्या एक या एक से कम होनी चाहिए. पंचायत के लगभग 60% टीबी मरीजों के यूडीएसटी फॉलोअप जांच पूर्ण होने चाहिए.1 जनवरी 2023 से लेकर 31 दिसंबर 2023 तक के 85% टीबी मरीज सफलता पूर्वक क्योर होने चाहिए. पंचायत के सभी टीबी मरीजों को निश्चय पोषण योजना के तहत राशि प्राप्त होनी चाहिए. इसके अतिरिक्त पंचायत के सभी टीबी मरीजों को निश्चय मित्रों द्वारा सभी मरीजों को गोद लिया होना चाहिए. उपरोक्त 6 मानदंडों को पूरा करने के पश्चात 11 पंचायतों ने प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी द्वारा जिला पंचायती राज पदाधिकारी के यहां टीबी पंचायत मुक्त होने का दावा किया. टीबी मुक्त पंचायत चयन होने पर डीएम द्वारा दिया जाएगा प्रमाणपत्र व पुरस्कार टीबी मुक्त पंचायत के लिए प्रमाण पत्र एक वर्ष की वैधता के साथ हर साल विश्व टीबी दिवस यानी 24 मार्च को जिला पदाधिकारी द्वारा योग्य ग्राम पंचायतों को जारी किया जायेगा. प्रमाणपत्र के साथ महात्मा गांधी की एक प्रतिमा भी प्रदान की जाएगी.पहली बार टीबी मुक्त का दर्जा बनाए रखने के लिए प्रतिमा कांस्य रंग की होगी. लगातार दो वर्षों तक टीबी मुक्त पंचायत होने पर चांदी का रंग और लगातार तीन वर्षों तक टीबी मुक्त होने पर सोने के रंग की गांधी जी की प्रतिमा पुरस्कार के रूप में मिलेगी. क्या कहते हैं जिम्मेदार:- पंचायतवार पंचायत को टीबी मुक्त करने के उद्देश्य से 19 प्रखंडों के 119 पंचायतों का चयन किया गया था. 6 मानदंडों को पूरा करने वाले 93 पंचायत ने टीबी मुक्त पंचायत होने का दावा किया है. दावों की जांच के लिए सत्यापन टीम का गठन कर दिया गया है. जांच के बाद 24 मार्च को टीबी दिवस के अवसर पर पुरस्कार दिया जायेगा. डॉ. अशोक कुमार, सीडीओ यक्ष्मा, सीवान
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