रेडक्रॉस के अध्यक्ष बने डॉ अभिषेक, लखी बाबू उपाध्यक्ष
मंगलवार को जिला परिषद के सभागार में भारतीय रेडक्रॉस सोसाइटी सीवान के अधिकारियों के हुए चुनाव में डॉ अभिषेक कुमार अध्यक्ष, लखी बाबू उपाध्यक्ष एवं ज्ञानप्रकाश कोषाध्यक्ष निर्वाचित हुए. चुनाव अधिकारी उप विकास आयुक्त मुकेश कुमार एवं एसडीएम सुनील कुमार की देखरेख में कैमरे की निगरानी एवं कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया.
प्रतिनिधि, सीवान. मंगलवार को जिला परिषद के सभागार में भारतीय रेडक्रॉस सोसाइटी सीवान के अधिकारियों के हुए चुनाव में डॉ अभिषेक कुमार अध्यक्ष, लखी बाबू उपाध्यक्ष एवं ज्ञानप्रकाश कोषाध्यक्ष निर्वाचित हुए. चुनाव अधिकारी उप विकास आयुक्त मुकेश कुमार एवं एसडीएम सुनील कुमार की देखरेख में कैमरे की निगरानी एवं कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया. चुनाव की प्रकिया सुबह दस बजे से शुरू हुई. मैनेजिंग कमेटी के 43 सदस्यों में 41 सदस्यों ने चुनाव में मतदान किया. मैनेजिंग कमेटी के एक सदस्य डॉ मुकुल कुमार सिंह त्यागपत्र दे चुके हैं, जबकि निवर्तमान सचिव रत्नेश सिंह चुनाव प्रकिया में शामिल नहीं हुए. जीतेश सिंह गुट से अध्यक्ष पद के लिए जीतेश सिंह, उपाध्यक्ष पद के लिए लखी बाबू एवं कोषाध्यक्ष पद के लिए ज्ञानप्रकाश ने नामांकन किया. वहीं दूसरे पूर्व सचिव रत्नेश सिंह गुट से अध्यक्ष पद के लिए रत्नेश सिंह के संबंधी डॉ अभिषेक कुमार, उपाध्यक्ष पद के लिए डॉ राजा प्रसाद एवं कोषाध्यक्ष पद के लिए इरशाद अली ने नामांकन किया. मतगणना के बाद चुनाव अधिकारी उप विकास आयुक्त मुकेश कुमार ने डॉ. अभिषेक कुमार सिंह की अध्यक्ष, लखी बाबू उपाध्यक्ष एवं ज्ञानप्रकाश कोषाध्यक्ष निर्वाचित घोषित किया. अध्यक्ष पद के प्रत्याशी डॉ. अभिषेक कुमार को 21 एवं जितेश सिंह को 20, उपाध्यक्ष पद के प्रत्याशी लखी बाबू को 21 एवं डॉ राजा प्रसाद को 20 तथा कोषाध्यक्ष पद के प्रत्याशी ज्ञानप्रकाश को 22 एवं इरशाद अली को 20 मत प्राप्त हुए. एक गुट के दो अधिकारियों के निर्वाचित होने से दिलचस्प हुआ सचिव का चुनाव भारतीय रेडक्रॉस सोसाइटी सीवान के अधिकारियों के चुनाव में जीतेश सिंह गुट के दो पदाधिकारियों के चुने जाने के बाद सचिव पद का चुनाव दिलचस्प हो गया है. रत्नेश सिंह गुट के लोगों को पूरी उम्मीद थी उनके उम्मीदवार भारी अंतर से चुनाव जीतेंगे. लेकिन जब चुनाव परिणाम की घोषणा की गई तो संघर्ष बहुत कांटे का दिखा. बताया जाता है कि अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं कोषाध्यक्ष द्वारा ही सचिव का चुनाव किया जाना है.वैसी स्थिति ने जीतेश सिंह गुट के दो पदाधिकारी चुने जाने के कारण बहुमत अधिक दिख रही है. वैसे विशेष परिस्थिति में जिलाधिकारी भी सचिव के चुनाव में मतदान कर सकते हैं. अगर कोई वैधानिक परेशानी नहीं आती है तो उम्मीद है कि इस माह ही जिला प्रशासन द्वारा सचिव का भी चुनाव कर लिया जायेगा.
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