नशे के धंधेबाज को 12 वर्ष के कारावास की सजा
सिविल कोर्ट के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने मंगलवार को रामानंद प्रसाद को नशे की कारोबार में संलिप्त पाये जाने के मामले में दोषी पाते हुए 12 वर्ष कठोर कारावास की सजा दी है. अदालत ने अभियुक्त पर डेढ़ लाख रुपए अर्थ दंड की भी सजा निर्धारित की है. अर्थ दंड नहीं देने की स्थिति में अभियुक्त को 6 माह अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी.
सीवान. सिविल कोर्ट के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने मंगलवार को रामानंद प्रसाद को नशे की कारोबार में संलिप्त पाये जाने के मामले में दोषी पाते हुए 12 वर्ष कठोर कारावास की सजा दी है. अदालत ने अभियुक्त पर डेढ़ लाख रुपए अर्थ दंड की भी सजा निर्धारित की है. अर्थ दंड नहीं देने की स्थिति में अभियुक्त को 6 माह अतिरिक्त कारावास की सजा भुगत नहीं पड़ेगी. बताया जाता है कि मैरवा थाने को गुप्त सूचना मिली कि बाहरी नशे के कारोबारी लक्ष्मीपुर ढाले के पास गांजे के क्रय विक्रय की योजना में लगे हुए हैं. गुप्त सूचना पर थाना प्रभारी नवल किशोर राय गश्ती दल के साथ जब लक्ष्मीपुर ढाले पर 20 जून 2022 को पहुंचे तो एक कंटेनर को छोड़कर एक व्यक्ति जिसका नाम रामानंद प्रसाद बताया गया भागने लगा. पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और कंटेनर से 230 केजी गांजे की बरामदगी हुई. पुलिस के बयान पर अभियुक्त रामानंद प्रसाद के विरुद्ध प्राथमिक की दर्ज कराई गई. मामले में विचरण के पक्ष अदालत ने रामानंद को कांड में पूर्ण संलिप्तता के आधार पर दोषी पाया. बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता बलवंत कुमार ने बहस किया जबकि एनडीपीएस के विशेष अधिवक्ता राजकुमारी देवी ने अभियोजन का पक्ष रखते हुए अभियुक्त को कठोर सजा देने का निवेदन किया, ताकि समाज में सकारात्मक संदेश जाए. दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात अदालत ने अभियुक्त को उपरोक्त सजा सुनाई है. अभियुक्त रामानंद मैनपुरी जिला के बिठुआ थाना अंतर्गत नगला शिवर गांव का निवासी बताया जाता है.
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