siwan news. सड़क व नाला निर्माण में 200 करोड़ की अनियमितता की जांच शुरू, पटना से पहुंची टीम
नगर विकास एवं आवास विभाग के अधीक्षण अभियंता (उड़नदस्ता) सहित तीन सदस्यीय टीम जांच में जुटी
सीवान. निर्माण कार्य में अनियमितता के साथ ही सरकारी धन के बंदरबाट की शिकायतों को लेकर हमेशा चर्चा में रहे नगर परिषद सीवान एक बार फिर कठघरे में है. शहर में सड़क और नाला निर्माण के नाम पर 200 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले के लगे आरोप की जांच को लेकर यहां पहुंची टीम गुरुवार को दूसरे दिन भी जमी रही. टीम की अगुवाई नगर विकास एवं आवास विभाग के अधीक्षण अभियंता (उड़नदस्ता) हरेंद्र उपाध्याय कर रहे हैं, जिनकी रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई तय होगी.
नगर परिषद की मुख्य पार्षद सेम्पी देवी, तत्कालीन कार्यपालक अधिकारी मनीष कुमार, प्रधान सहायक, कनीय अभियंताओं और कुछ पार्षदों पर आपसी मिलीभगत कर सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया था. इस संबंध में नगर विकास एवं आवास विभाग पटना को साक्ष्य के साथ शिकायत दी गई है. जिसमें विभागीय दिशा-निर्देशों की अनदेखी, फर्जी प्राक्कलन, घटिया निर्माण और गलत भुगतान का विस्तृत ब्यौरा शामिल है. इसके बाद विभागीय स्तर से जांच शुरू कर दी गई है ताकि रिपोर्ट के आधार पर संबंधित दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो सके.वार्ड पार्षद चमन आरा ने की थी शिकायत
इस पूरे मामले की शिकायत वार्ड पार्षद चमन आरा ने की है. शिकायत में कहा गया है कि सड़क और नाला निर्माण की हजारों योजनाओं में नियमों को दरकिनार कर कार्यादेश जारी किये गये. कई जगहों पर सड़क की ढलाई मात्र दो से तीन इंच की कर दी गई, जो कुछ ही समय में उखड़ने लगी है. मौलेश्वरी चौक से चिक टोली, हसनपुरा ढाला रेलवे क्रॉसिंग से कोलकाता बिरयानी तक, शांति वाट वृक्ष से डीएवी मोड़ तक, छपरा रोड और अन्य इलाकों में नालों का निर्माण बिना निकासी के कर दिया गया, जिससे पूरे साल जलजमाव बना रहता है और आम लोग परेशान हैं. करोड़ों रुपये की योजनाओं को जानबूझकर छोटे-छोटे हिस्सों में बांटकर कार्यादेश दिए गए, ताकि निविदा प्रक्रिया से बचा जा सके और निजी लाभ लिया जा सके.दो-तीन बार भुगतान का आरोप
कई मामलों में एक ही योजना पर दो और तीन बार कार्यादेश जारी कर भुगतान करा लिया गया. वार्ड संख्या 45 में छठ घाट से सीवान इंजीनियरिंग कॉलेज जाने वाली सड़क, बाबू जान मियां के घर से कब्रिस्तान होते हुए पीसीसी सड़क और छपरा-सीवान मुख्य मार्ग से जुड़ी योजनाओं में डबल और ट्रिपल भुगतान का आरोप लगाया गया है. नगर विकास एवं आवास विभाग के निर्देशों के अनुसार 10 फीट से कम चौड़ी गलियों में पेवर ब्लॉक का उपयोग होना चाहिए था, लेकिन इसके बावजूद कई वार्डों में पीसीसी सड़क बना दी गई. वार्ड संख्या 12 सहित कई इलाकों में नियमों को ताक पर रखकर निर्माण कराया गया.सशक्त स्थायी समिति की मंजूरी के बिना दी योजनाओं को मंजूरी
इसी तरह सशक्त स्थायी समिति की बैठक में बिना वार्ड समिति की मंजूरी और बिना प्राक्कलन तैयार किए ही 444 योजनाओं को प्रशासनिक स्वीकृति दे दिए जाने का भी आरोप है. नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी, सभापति और उपसभापति कार्यालय के नवीनीकरण और सौंदर्यीकरण पर लगभग 50 लाख रुपये खर्च किए गए, लेकिन इसके लिए निविदा प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया. आरोप है कि भुगतान नकद और चेक के माध्यम से नियमों के खिलाफ किया गया और कैश बुक में भी गड़बड़ी की गई.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
