परिसीमन के बाद जीरादेई से दोबारा कोई नहीं जीता

विधान सभा चुनाव परिणाम ने अपनी पुरानी सिलसिला को दोहरा दिया है. परिसीमन के बाद वर्ष 2010 के चुनाव से जीरादेई विधान सभा क्षेत्र से किसी को भी दोबारा जीत नसीब नही हुई है.इस बार भाकपा माले के निवर्तमान विधायक अमरजीत कुशवाहा को जदयू के भीष्म प्रताप कुशवाहा ने 2626 वोटों से पराजित किया है.

By DEEPAK MISHRA | November 15, 2025 9:31 PM

प्रतिनिधि ,जीरादेई.विधान सभा चुनाव परिणाम ने अपनी पुरानी सिलसिला को दोहरा दिया है. परिसीमन के बाद वर्ष 2010 के चुनाव से जीरादेई विधान सभा क्षेत्र से किसी को भी दोबारा जीत नसीब नही हुई है.इस बार भाकपा माले के निवर्तमान विधायक अमरजीत कुशवाहा को जदयू के भीष्म प्रताप कुशवाहा ने 2626 वोटों से पराजित किया है. परिसीमन के बाद के चुनाव में भाजपा के आशा देवी विजयी रही.2015 के चुनाव में जदयू के रमेश सिंह कुशवाहा ने उन्हें पराजित किया.2020 में रमेश सिंह कुशवाहा का टिकट जदयू ने नही दिया.जिससे उन्हें चुनाव लड़ने का मौका नही मिला.भीष्म सिंह के इस इस जीत के साथ ही इस क्षेत्र राजनीतिक परंपरा एक बार फिर बरकरार रही.जीत के बाद भीष्म प्रताप सिंह ने इसे क्षेत्र की जनता की जीत बताया. उन्होंने कहा की यह जीत जीरादेई विधान सभा की जनता की जीत है. जनता मेरे लिए भगवान है. भीष्म प्रताप ने नामांकन के दिन ही अपनी जीत का विश्वास व्यक्त करते हुए कहा था कि हम ही जीतेंगे.क्षेत्र के लोगों में इनकी यह जीत ऐतिहासिक मानी जा रही है. लेकिन जीरादेई विधानसभा सीट का वह 15 सालों से चला आ रहा तिलिस्म आज भी नहीं टूटा है. इस सीट पर अब तक कोई भी विधायक लगातार दूसरी बार चुनाव नहीं जीत पाया है, और इस बार भी यह परंपरा कायम रही. परिसीमन के पूर्व लगातार दो नेताओं को मिला है जीत का लाभ विधानसभा क्षेत्र जीरादेई के गठन के बाद 1972 से पुराने परिसीमन के आधार पर नौ चुनाव हुए.इसमें खास बात यह रही कि,मो.शहाबुद्दीन ने वर्ष 1990 व वर्ष 1995 में जीत दर्ज करायी थी.इसके बाद जीत का यह सिलसिला एजाजुल हक ने वर्ष 2000 व वर्ष 2005 के चुनाव में दोहराया.इसके बाद विधानसभा का नये सिरे से परिसीमन हुआ व वर्ष 2010 में पहला चुनाव हुआ,पर लगातार जीत का इतिहास दोबारा नहीं दोहराया जा सका.

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