आग से बचाव के लिए सिर्फ 16 दमकलों का सहारा

गर्मी के मौसम में आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती है लेकिन अग्निशमन विभाग संसाधनों की कमी से जूझ रहा है.जिले के आठ नगर पंचायतों व एक नगर परिषद तथा 1528 गांवों के लिए मात्र 16 दमकल है. उधर मौसम परिवर्तन के साथ आग लगने की कई घटनाएं हो चुकी है. अभी अप्रैल और मई का महीना बाकी है. इस महीने में अगलगी की घटना काफी बढ़ जाती है.

By DEEPAK MISHRA | March 19, 2025 10:17 PM

पंकज कुमार ,सीवान. गर्मी के मौसम में आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती है लेकिन अग्निशमन विभाग संसाधनों की कमी से जूझ रहा है.जिले के आठ नगर पंचायतों व एक नगर परिषद तथा 1528 गांवों के लिए मात्र 16 दमकल है. उधर मौसम परिवर्तन के साथ आग लगने की कई घटनाएं हो चुकी है. अभी अप्रैल और मई का महीना बाकी है. इस महीने में अगलगी की घटना काफी बढ़ जाती है. इस समय जिला मुख्यालय के अग्निशमन विभाग तीन वाहनों पर ही आश्रित है. हालांकि अग्निशमन सेवा में कार्यरत कर्मियों का दावा है कि वे लोग अपने ड्यूटी को लेकर पूरी तरह से तैयार हैं लेकिन कर्मियों की टोटा भी उनलोगों को थोड़ा ज्यादा परेशान कर रहा है. पिछले वर्ष जिले में छोटी-बड़ी 193 के करीब स्थानों पर अगलगी की घटनाएं हुई थीं, जिनसे निबटने में विभाग को नाकों चने चबाने पड़े थे. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में मानक के अनुसार दमकल और दमकल कर्मी नहीं हैं. चार दमकलों में से एक तो पहले से ही खराब हैं.45 सौ लीटर का दो वाटर रेंडर दमकल के भरोसे संचालित हो रहा है.इसके अलावा एक मिस्ट टैक्नालिजी का मशीन भी है जो 300 लीटर में मौजूद है. महाराजगंज में 4500 सौ 2500 लीटर का वाटर रेंडर मशीन है. अग्निशमन विभाग द्वारा चलाया जा रहा है मॉक ड्रिल अग्निशमन विभाग द्वारा स्कूल,कॉलेज,स्टेशन,थाना,ब्लाक,बाजार सार्वजनिक स्थल पर मॉकड्रिल किया जा रहा है.वही जिन स्थानों पर मॉकड्रिल की जा रही है.उन संस्थानों को आडिट करने का निर्देश दिया जा रहा है प्रतिदिन अग्निशमन कर्मियों के द्वारा अलग -अलग जगहों पर मॉकड्रिल किया रहा हैं. दमकल कर्मियों की है कमी जिले में मानक के अनुसार ना दमकल कर्मी है और ना ही दमकल ही है. जिले में उपलब्ध दमकलों में से 6 तो पहले से ही खराब बताये जा रहे हैं. वहीं शेष पूरे जिले का दारोमदार है. जानकारी के मुताबिक जिले में 67 अग्निशमन कर्मी हैं.जिसमे 16 अग्निशमन चालक ,2 प्रधान अगनिक,3 अगनिक और 46 सिपाही नियुक्त हैं.जबकि जिले में अग्निशमन के 15 वाहन उपलब्ध है.लेकिन जिला मुख्यालय में एक ही पानी भरने के लिए एक वाटर प्वॉइंट है.अन्य वाहन जैसे जिन क्षेत्रों में है वहा वाहन के टेंकरों में मोटर द्वारा पानी भरी जाती है.यदि आग बुझाने के क्रम में पानी समाप्त हो जाती है तो बोरिंग या किसी माध्यम से पानी भरी जाती है. 20 मिनट में 4500 लीटर मिलता हैं पानी पुलिस लाइन स्थित अग्निशमन विभाग के परिसर में एक ही हाइड्रेंन सिस्टम लगी है. जिसके द्वारा 20 मिनट में अग्निशम विभाग की बड़ी वाहन में 4500 लीटर पानी भरी जाती है.वही इसके अलावे और कही भी हाइड्रेंन सिस्टम नही लगी है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है