sitamarhi news : ऑपरेशन सिंदूर भारत की संप्रभुता और शौर्य का प्रतीक
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर देश में उत्साह व उमंग का माहौल है. चाहे वह किसी जाति व धर्म के हो. पाकिस्तान की हरकतों पर अंदर हीं अंदर सुलग रहे देशवासियों का गुस्सा शांत व आत्मविश्वास बढ़ा है.
सीतामढ़ी. ऑपरेशन सिंदूर को लेकर देश में उत्साह व उमंग का माहौल है. चाहे वह किसी जाति व धर्म के हो. पाकिस्तान की हरकतों पर अंदर हीं अंदर सुलग रहे देशवासियों का गुस्सा शांत व आत्मविश्वास बढ़ा है. जिले के विभिन्न् क्षेत्रों में अपना योगदान दे रही गृहिणी, सामाजिक कार्यकर्ता व चिकित्सकों ने प्रभात खबर के माध्यम से अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर पाकिस्तान सरकार को कोषते हुए भारत सरकार के निर्णय व सैनिकों के शौर्य की प्रशंसा की है. –सिंदूर का बदला आपरेशन सिंदूर से लिया सिंदूर का बदला भारत के सैनिकों ने आपरेशन सिंदूर से लिया है. भारतीय सैन्य रणनीति ने बिना किसी अन्तर्राष्ट्रीय मापदंडों का उल्लंघन किए, पाक के नापाक इरादों एवं आतंकी समूहों की कमर तोड़ दी. पाक सहित चकित दुनिया को भारत ने चौथी आर्थिक शक्ति एवं जिम्मेदार सबल राष्ट्र का संदेश दे दिया है. भारत के सैनिकों ने अपने शौर्य से पूरी दुनिया को चकित कर दिया है. सैनिकों की इस कार्रवाई से देश की जनता को मान-सम्मान व आत्मविश्वास बढ़ा है. पूरी दुनिया अब यह मानने पर मजबूर हो चुकी है कि वक्त आने पर भारत घर में घुसकर मारने की ताकत रखता है. –भारत की खुशहाली से फट रहा पाकिस्तान सरकार का कलेजा जिस देश के पास खाने के लिए अनाज नही है, वह गोला-बारूद पर अपना राजकोष समाप्त कर रहा है. पाकिस्तान भारत के साथ-साथ अपने देश के नागरिकों का भी दुश्मन है. पाकिस्तान सरकार का कलेजा अपने देश की जनता के त्राहिमाम से नहीं, बल्कि भारत के विकास व खुशहाली से फट रहा है. पाकिस्तान की हरकत बिल्कुल पागलों की तरह है. हमारे देश के सैनिकों ने यह साफ कर दिया है कि वह भारत की तरफ तिरछी नजर रखने वालों को घर में घुसकर मारने में सक्षम है. रौनक जहां परवेज, मेयर, नगर निगम सीतामढ़ी –यह करारा जवाब था आतंक कोऑपरेशन सिंदूर भारत की संप्रभुता और शौर्य का प्रतीक है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णायक नेतृत्व में यह करारा जवाब था आतंक को. हमारी सेना ने दिखा दिया कि भारत अब चुप नहीं बैठेगा, हर वार का मुंहतोड़ जवाब देगा. यह सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि हर शहीद के सम्मान की पुनर्स्थापना है. देश की रक्षा के लिए भारतीय सेना ने फिर से इतिहास रच दिया. पाकिस्तान की नापाक हरकतों का अंत अब निश्चित है. हम हर भारतीय के ललाट पर “सिंदूर ” की तरह इस विजय को सजाएंगे. देशवासी गर्व व भावुकता के साथ सेना को सलाम कर रहे हैं. यह ऑपरेशन भारत की रणनीतिक शक्ति और राजनीतिक इच्छाशक्ति का अद्भुत उदाहरण है. डॉ मधुरिमा रानी — नया भारत है, अब घर में घुसकर मारता है जय हिन्द, जय भारत, यह नया भारत है. अब घर में घुसकर मारता है. भारत की तरफ नापाक नजर रखने वाले उन सभी देशों को अब सावधान रहने की जरूरत है. पूरे दुनिया में शांति का संदेश देने वाले भारत ने यह साफ कर दिया है कि वक्त आने पर हिंसा का जवाब हिंसा से देने में पूरी तरह समर्थ है. जात-पात व धर्म के नाम पर भारत में घरेलू हिंसा फैलाने की नापाक कोशिश करने वाले पाकिस्तानियों को यहां के मुसलमानों ने भी संदेश दे दिया है कि अगर भारत सरकार छूट दे तो ईंट का जवाब पत्थर से देने में यहां के अल्पसंख्यक हीं काफी हैं. देश के सैनिकों के शौर्य के सामने हर कोई नतमस्तक है. रजनी सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता –आतंकवाद के विरुद्ध भारत की दृढ़ता को दर्शाता है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और समस्त रक्षा मंत्रालय को ””””””””ऑपरेशन सिंदूर”””””””” की सफल योजना और महिलाओं के सम्मान में इस प्रतीकात्मक नाम के चयन के लिए हार्दिक धन्यवाद. यह साहसिक कदम न केवल आतंकवाद के विरुद्ध भारत की दृढ़ता को दर्शाता है, बल्कि महिलाओं की शक्ति और नेतृत्व को भी सम्मानित करता है. यह ऑपरेशन 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के प्रतिशोध में किया गया, जिसमें 26 हिंदू तीर्थयात्रियों की जान गई थी. मोनी शाही, गृहिणी –सैल्यूट है भारत के पराक्रमी सैनिकों को भारत ने कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला ऑपरेशन सिन्दूर के जरिए लेकर पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है. पहलगाम में हमले के बाद हर भारतियों को सैनिकों के इस कार्रवाई का इंतजार था. देश में उत्साह व उमंग का माहौल है. भारत की तीनों सेनाओं ने आतंक के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान को बता दिया है कि ईंट का जवाब पत्थर से दिया जायेगा. इसे अब तक की सबसे बड़ी स्ट्राइक कहा जा रहा है. क्योंकि अभी तक ऐसा नहीं हुआ था कि भारत ने कोई हमला सीधे पाकिस्तान के पंजाब पर किया हो. पीओके में भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक कर अपने शौर्य का परिचय दिया है. सैल्यूट हैं ऐसे पराक्रमी सैनिकों को. नुजहत परवीन, सामाजिक कार्यकर्ता
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