Sasaram News : जान जोखिम में डाल चचरी पुल से बभन बरेहटा विद्यालय पहुंचते हैं बच्चे

प्रखड़ के बभन बरेहटा गांव में स्थित सहदेईया नदी पर पुल के अभाव में इस बरसात के दिन में भी उफनती नदी को बांस की चचरी पर जान जोखिम में डाल कर बच्चे विद्यालय जाने को मजबूर हैं

By PRABHANJAY KUMAR | July 15, 2025 9:21 PM

करगहर. प्रखड़ के बभन बरेहटा गांव में स्थित सहदेईया नदी पर पुल के अभाव में इस बरसात के दिन में भी उफनती नदी को बांस की चचरी पर जान जोखिम में डाल कर बच्चे विद्यालय जाने को मजबूर हैं. पुल के अभाव में शिक्षा के अलावा किसानों की खेती भी प्रभावित हो रही है. नदी पार स्थित मध्य विद्यालय बभन बरेहटा में उक्त गांव के छात्रों के साथ सरेयां व हृदय सरेयां गांवों के बच्चे भी नदी में बने चचरी पार कर पढ़ने पहुचते हैं. अभिभावक अपने दिल पर पत्थर रखकर बच्चों को स्कूल भेजते हैं. स्कूल से बच्चा जब तक घर नहीं पहुंच जाता, अनहोनी की आशंका से भयभीत रहते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि छोटे छोटे बच्चों को प्रतिदिन चचरी पार करना पड़ता है. गांव के दर्जनों लोग छोटे बच्चों को विद्यालय नहीं भेजते. ग्रामीणों ने बताया कि पांच वर्ष पूर्व चचरी से पानी में गिरने से दो बच्चों की मौत हो चुकी है. गत दो दिन पूर्व भी दो बच्चे चचरी पार करते हुए नदी में गिरे पड़े थे. गांव के कुछ नौजवानों ने अपनी जान जोखिम में डालकर किसी तरह पानी की तेज धार में डूब रहे बच्चों को बचाया वरना इस साल भी दो मासूमों को अपनी जान गवानी पड़ सकती थी. ग्रामीण मदन राय, कृष्णा पासवान, मनोज कुमार सिंह, अभिमन्यू सिंह, साहेब पासवान, मुद्रिका राम, राम सूरत प्रजापति ने बताया कि गांव में बच्चों के शिक्षा के अलावा कृषि कार्य में उन्हें काफी परेशानी होती है. उन्होंने बताया कि खाद बीज के साथ साथ उत्पादित अनाजों को काफी कम कीमतों में बेचना पड़ता है. उन्होंने बताया कि नदी में पुल निर्माण के लिए सांसद, विधायक, मंत्री, मुखिया, अधिकारी सबसे गुहार लगाते लगाते थक गये हैं, पुल के अभाव में सभी ग्रामीण श्रमदान कर नदी में प्रत्येक वर्ष बांस की चचरी बनाते हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि उक्त नदी पर पुल निर्माण हो जाने से ग्रामीणों की जिंदगी संवर जायेगी.

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