Martyr Mohammad Imtiyaz: शहीद को नम आंखों से दी आखिरी विदाई, गांव वाले बोले- ‘जरूरत पड़े तो बेटे-बेटियां देंगे कुर्बानी’
Martyr Mohammad Imtiyaz: भारत-पाकिस्तान तनाव के दौरान जम्मू-कश्मीर में बॉडर पर तैनात बिहार के मो. इम्तियाज शहीद हो गए थे. आज उन्हें पैतृक गांव में ग्रामीणों ने नम आंखों से विदाई दी. शहीद मो. इम्तियाज के अंतिम दर्शन में पूरा जनसैलाब उमड़ पड़ा.
Martyr Mohammad Imtiyaz: जम्मू-कश्मीर में शहीद हुए मो. इम्तियाज के पार्थिव शरीर को आज पैतृक गांव लाया गया. गड़खा थाना क्षेत्र के जलालबसंत पंचायत के नारायणपुर गांव में पार्थिव शरीर पहुंचते ही ग्रामाणों का सैलाब उमड़ पड़ा. पटना से गड़खा पार्थिव शरीर के आने के क्रम में सैकड़ों जगह पर लोगों ने श्रद्धांजलि दी. शहीद के पार्थिव शरीर के गांव नारायणपुर तक जाने के क्रम में करीब दो किलोमीटर तक सड़क के दोनों तरफ हजारों की संख्या में भीड़ उनके अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़ी थी. लोगों के हाथों में तिरंगा लहरा रहा था. लोग लगातार ‘हिंदुस्तान जिंदाबाद, भारत माता की जय’ के नारे भी लगा रहे थे.
लोग बोले- ‘इम्तियाज पर गर्व है’
इधर, युवाओं में भी आक्रोश नजर आ रहा था. गांव के लोगों ने कहा कि, अगर देश के लिए जरूरत पड़ी तो हम अपने और भी बेटे बेटियों को कुर्बान कर सकते हैं. लोगों ने कहा कि, हमें इम्तियाज पर गर्व है. विदित हो कि, शहीद जवान भारत-पाक सीमा पर जम्मू के आरएस पुरा सीमा पर सब इंस्पेक्टर पद पर तैनात थे. जंग में शहीद हुए इम्तियाज अपने साथियों के साथ पूरी मुस्तैदी के साथ भारत की रक्षा करते हुए सीमा पर दुश्मनों को जवाब दे रहे थे. लेकिन, दुश्मन की ओर से किए गए हमले में शहीद हो गए.
बेटे इमरान ने कही बड़ी बात
इधर, शहीद मो. इम्तियाज के बेटे मो. इमरान ने अपने पिता की शहादत पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि, उन्हें अपने पिता की शहादत पर नाज है एवं वे लोग देश के लिए शहीद होने वाले हर वीर सपूतों की शहादत को नमन करते हैं. इमरान ने कहा कि, पाकिस्तान द्वारा धोखाधड़ी कर भारत के जवानों को मार दिया जा रहा है. जिससे कोई पत्नी अपने सुहाग खो रही है तो कोई पुत्र अपने पिता को खो रहा है. इमरान ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि, पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब मिलनी चाहिए ताकि शहीदों की शहादत बेकार न जाए.
(छपरा से चंद्रशेखर सिंह की रिपोर्ट)
