Saran News : सच्ची भक्ति से प्रसन्न होते हैं भगवान : साधना जी

Saran News : निश्चल मन, सच्ची प्रेम भक्ति, धैर्य और दृढ़ संकल्प से ईश्वर को प्रसन्न किया जा सकता है.

By ALOK KUMAR | May 31, 2025 9:13 PM

दाउदपुर (मांझी). निश्चल मन, सच्ची प्रेम भक्ति, धैर्य और दृढ़ संकल्प से ईश्वर को प्रसन्न किया जा सकता है. यह कार्य कलयुग में किसी कठिन तपस्या से कम नहीं है. उक्त बातें भरवलिया गांव स्थित श्रीरामजानकी मंदिर व शिव मंदिर परिसर में आयोजित श्री रुद्र महायज्ञ के दौरान कथावाचिका साधना जी ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहीं. उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में त्याग और तपस्या की मूर्तिमान प्रतिमाएं पतिव्रता नारियां हैं, जिनके सत्कर्मों से पुरुषों में शुद्ध आचरण और चरित्र का विकास होता है. एक मां कभी भी अपने संतान को कुपथ की ओर जाने की प्रेरणा नहीं देती. साधना जी ने देवी पार्वती के जीवन का उल्लेख करते हुए कहा कि जब नारी के सतीत्व की बात आती है, तो सबसे पहले जगत जननी माता पार्वती की कठोर तपस्या की कथा स्मरण होती है. उनके कठोर व्रत और हजारों वर्षों की साधना से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें अर्धांगिनी रूप में स्वीकार किया. साधना जी ने कहा कि भारतीय संस्कृति में नारी शक्ति को पुरुषों की शक्ति का मूल स्रोत माना गया है. “जैसे श्रीराम की शक्ति सीता हैं, श्रीकृष्ण की शक्ति राधा हैं और श्रीविष्णु की शक्ति माता लक्ष्मी हैं, उसी प्रकार हर नारी पुरुषों के जीवन में प्रेरणा और बल प्रदान करती है. कथावाचिका साधना जी ने अंत में कहा, ईश्वर की भक्ति के बिना मानव जीवन अधूरा है. महिलाओं को चाहिए कि वे अपने जीवन में भक्ति, सेवा और समर्पण का मार्ग अपनाकर अपने परिवार, समाज और राष्ट्र को आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनाएं.

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