छपरा के आसमान में हवाई जहाज क्यों उड़ता है नीचे? पायलट सांसद राजीव प्रताप रूडी ने किया खुलासा
Rajiv Pratap Rudy: सारण से बीजेपी सांसद और पेशेवर पायलट राजीव प्रताप रूडी ने छपरा के ऊपर से गुजरते वक्त विमान की ऊंचाई घटाने का राज खोला है. उन्होंने बताया कि यह उनका निजी फैसला नहीं, बल्कि पटना एयरपोर्ट की तकनीकी फ्लाइट पाथ और एटीसी निर्देशों की वजह से होता है.
Rajiv Pratap Rudy: बिहार की राजनीति और आसमान दोनों जगह अपनी पहचान रखने वाले सारण लोकसभा के सांसद राजीव प्रताप रूडी फिर सुर्खियों में हैं. पेशे से कमर्शियल पायलट और राजनीति में बीजेपी का मजबूत चेहरा, रूडी ने खुद यह राज खोला है कि आखिर लोग क्यों अक्सर उन्हें छपरा शहर के ऊपर उड़ते जहाज की पायलट सीट पर देख लेते हैं.
छपरा में क्यों नीचे उड़ाने लगते हैं जहाज?
रूडी ने बताया कि यह उनका निजी शौक या विशेषाधिकार नहीं है, बल्कि पटना एयरपोर्ट की तकनीकी व्यवस्था और फ्लाइट पाथ की अनिवार्यता है. उन्होंने साफ किया कि पटना रनवे 25 पर उतरने वाले विमानों का रूट छपरा से होकर गुजरता है. इस दौरान विमान की ऊंचाई स्वाभाविक रूप से 36 हजार फीट से घटते-घटते छपरा पर लगभग 9 हजार फीट और सोनपुर के पास 3 हजार फीट तक आ जाती है. यही कारण है कि सारण और छपरा के लोग अक्सर उन्हें अपने शहर के ऊपर जहाज ‘नीचे’ उड़ाते देखते हैं.
”यात्रियों को अपने संसदीय क्षेत्र के बारे में बताने पर अच्छा लगता है”
रूडी ने हंसते हुए कहा- “लोगों को लगता है कि मैं जानबूझकर छपरा के ऊपर जहाज झुकाता हूं, लेकिन यह पूरी तरह से एटीसी (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) के निर्देश और विमानन नियमों पर आधारित है. हां, जब मैं पायलट सीट पर होता हूं तो यात्रियों को बता देता हूं कि यह मेरा संसदीय क्षेत्र है. दाईं ओर सिताब दियारा है, जहां से जयप्रकाश नारायण का नाम जुड़ा है, बाईं ओर गंडक और दाईं ओर गंगा बह रही है. यह सब जानकारी यात्रियों को देना मुझे अच्छा लगता है.”
”राजनीति और पायलटिंग दोनों सेवा का माध्यम”
उन्होंने यह भी कहा कि यह सिलसिला नया नहीं है. छपरा और सारण की जनता वर्षों से इस अनुभव को साझा करती रही है. चुनावी राजनीति में राजपूतों और ठाकुर समाज के “गारंटर” कहे जाने वाले रूडी का मानना है कि राजनीति और पायलटिंग, दोनों उनके लिए सेवा का माध्यम हैं. एक जमीन पर और दूसरा आसमान में. इस खुलासे के साथ यह दिलचस्प कहानी सामने आई कि कैसे एक सांसद, संसद और कॉकपिट दोनों जगह अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराता है और छपरा की जनता इसे गर्व के साथ जोड़कर देखती है.
