सारण के सात गांवों का ऐलान, कटाव से मुक्ति नहीं तो वोट नहीं
Bihar News: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सारण जिले के सोनपुर प्रमंडल के सात गांवों के लोगों ने बड़ा ऐलान कर दिया है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर गंगा कटाव से उन्हें राहत नहीं मिली, तो इस बार वे वोट का बहिष्कार करेंगे.
Bihar News: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सारण जिले के सोनपुर प्रमंडल के सात गांवों के लोगों ने बड़ा ऐलान कर दिया है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर गंगा कटाव से उन्हें राहत नहीं मिली, तो इस बार वे वोट का बहिष्कार करेंगे. गांव वालों का आरोप है कि सरकार और नेताओं ने सालों से सिर्फ़ वादे किए हैं, लेकिन गंगा कटाव रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया.
रेलवे ने बचाया पिलर, गांव अब भी असुरक्षित
ग्रामीणों का कहना है कि जिस तरह रेलवे ने अपने पिलरों को बचाने के लिए रिंग बांध और बोल्डर बैग लगाए हैं, उसी तरह गांवों को भी कटाव से बचाने के इंतज़ाम होने चाहिए. पूर्व मुखिया धर्मेंद्र कुमार राय का कहना है, “कटाव से हर साल घर और खेत गंगा में समा जाते हैं, लेकिन नेताओं की संवेदनहीनता वही की वही है.”
3.5 लाख आबादी और अरबों की संपत्ति पर खतरा
सोनपुर प्रमंडल के गंगाजल, पहलेजा शाहपुर, नजरमीरा और सबलपुर पंचायत समेत सात गांव गंगा के उत्तरी तट पर बसे हैं. करीब 60 वर्ग किलोमीटर में फैला यह इलाका साढ़े तीन लाख की आबादी वाला है. यहां 35 हजार से अधिक घर, सड़क, स्कूल, अस्पताल, पंचायत भवन, कॉलेज और रेलवे की जमीन जैसी अहम संरचनाएं मौजूद हैं. हर साल गंगा कटाव से हजारों एकड़ उपजाऊ जमीन बह जाती है. स्थानीय निवासी लाल बाबू पटेल ने कहा, “अगर इस बार सरकार ने हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो हम चुनाव का बहिष्कार करेंगे. वोट तभी देंगे, जब कटाव से हमें स्थायी राहत मिले.”
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चुनावी मुद्दा बनेगा कटाव?
ग्रामीणों का यह आंदोलन विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सरकार और सियासी दलों के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है. अब देखना होगा कि गंगा कटाव से त्रस्त लोगों की आवाज सुनी जाएगी या यह मुद्दा चुनावी रण में बड़ा राजनीतिक सवाल बनेगा.
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