छपरा : सियाचिन ग्लेशियर फतह की तैयारी में लगे पर्वतारोही प्रेम, प्रदूषणमुक्त करने का भी चला रहे अभियान

राजीव रंजन 15 से ज्यादा पर्वतों को फतह के साथ उन्हें प्रदूषणमुक्त करने का भी चला रहे अभियान छपरा (सदर) : माउंट एवरेस्ट, माउंट एलब्रस, माउंट एकांगा गोवा आदि विश्व की 15 ऊंची पर्वत चोटियों पर फतह करनेवाले सारण के ग्रामीण परिवेश में जनमे तथा अरुणाचल के पर्वतीय परिवेश में पले बढ़े प्रेम अब विश्व […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 29, 2019 5:59 AM
राजीव रंजन
15 से ज्यादा पर्वतों को फतह के साथ उन्हें प्रदूषणमुक्त करने का भी चला रहे अभियान
छपरा (सदर) : माउंट एवरेस्ट, माउंट एलब्रस, माउंट एकांगा गोवा आदि विश्व की 15 ऊंची पर्वत चोटियों पर फतह करनेवाले सारण के ग्रामीण परिवेश में जनमे तथा अरुणाचल के पर्वतीय परिवेश में पले बढ़े प्रेम अब विश्व के माउंटेनियरिंग के सबसे बड़े फोरम के साथ सियाचिन ग्लेशियर फतह करने की तैयारी में है.
अपने जीवन के प्रति काफी आशावादी इस पर्वतारोही का यह अभियान अगस्त, सितंबर माह में इसी वर्ष शुरू होगा. विश्व के माउंटेनियरिंग के सबसे बड़े फोरम टीइडीएक्स के आमंत्रण पर प्रेम इस माउंटेनियरिंग अभियान में शामिल होने के लिए लगातार तैयारियों में लगे हैं. इस अभियान की सफलता व तैयारियों के संबंध में उनका कहना है कि इस पर्वत चोटी पर अब तक कोई चढ़ा नहीं है.
साथ ही यह खतरनाक अभियान होने के अलावे वहां के मौसम तथा भूभाग के संबंध में खास जानकारी भी नहीं है लेकिन प्रशिक्षण और योजना के तहत हम सकारात्मक तरीके से इस अभियान में सफल होंगे. हमें तो माउंटेनियरिंग में सुखद तथा दुखद परिस्थितियों को सहना पड़ता है. परंतु, हम इसके लिए तैयार रहते हैं. गत वर्ष भी पर्वतारोहण अभियान के तहत हम चार साथी मौसम के खराब होने के कारण फंस गये थे. परंतु, हेलीकॉप्टर के माध्यम से मेडिकल सहायता के बाद सुरक्षित निकल पाये.
बिहार में माउंटेनियरिंग इंस्टीट्यूट खोलने, दक्षिण तथा उत्तर ध्रुव पर स्कीइंग की तमन्ना
सारण जिले के इसुआपुर प्रखंड के पुरसौली निवासी राधेश्याम सिंह व निर्मला सिंह के पुत्र प्रेम की तमन्ना पर्वतारोहण को खेल का दर्जा दिलाने, बिहार में माउंटेनियरिंग इंस्टीट्यूट खोलने के साथ-साथ उत्तरी ध्रुव तथा दक्षिणी ध्रुव पर स्कीइंग (बर्फ पर फिसलना) की है.
इसके अलावे पर्वतों पर सैर सपाटा करने जानेवाले लोगों के द्वारा पिकनिक मनाने के दौरान कचरा नहीं फेंकने का अपील करते हैं. वे उनसे कहते हैं कि भावी पीढ़ियों के लिए पर्वतों को प्रदूषणमुक्त रखने में अपनी भूमिका निभायें. माउंटेनियरिंग में सफलताओं के बावजूद भी बिहार सरकार से अपेक्षाकृत सहयोग एवं सम्मान नहीं मिलने को लेकर युवा पर्वतारोही के चेहरे पर सरकारी उपेक्षा का भाव भी झलकता है.
कब-कब कौन सी चोटी की फतह
19 मई, 2013 को विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट
22 जुलाई, 2013 यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रस
3 अक्तूबर, 2013 को ओसमिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट पचाक जावा पर फतह
13 दिसंबर, 2013 को अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी माउंट एकागा को फतह किया

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