Samastipur News:सरकारी स्कूलों के बच्चे भी नवाचार व रचनात्मकता में होंगे दक्ष
जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को आधुनिक तकनीक से जोड़ने व नवाचार को बढ़ावा देने के लिए दो स्कूलों में अटल टिंकरिंग लैब स्थापित की जायेगी.
Samastipur News: प्रकाश कुमार, समस्तीपुर : जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को आधुनिक तकनीक से जोड़ने व नवाचार को बढ़ावा देने के लिए दो स्कूलों में अटल टिंकरिंग लैब स्थापित की जायेगी. अटल टिंकरिंग लैब (एटीएल) के जरिये विद्यार्थियों को रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, थ्री-डी प्रिंटिंग और कोडिंग जैसी नयी तकनीकों की बारीकियों से अवगत कराते हुए उन्हें मौजूदा दौर की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार किया जायेगा. जिले के चिन्हित दोनों विद्यालयों में लैब स्थापित करने के लिए सामग्री उपलब्ध कराई जा चुकी है. मिली जानकारी के मुताबिक शहर के आरएसबी इंटर विद्यालय व प्लस टू जीबी हाई स्कूल शाहपुर पटोरी में यह लैब स्थापित किया जायेगा. लैब को क्रियान्वित करने के लिए उक्त दोनों विद्यालय के दो-दो शिक्षकों को फिलवक्त प्रशिक्षण दिया जा रहा है. आरएसबी इंटर विद्यालय के एचएम डा. ललित कुमार घोष ने बताया कि शिक्षा विभाग की ओर से स्कूलों में एटीएल स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में वैज्ञानिक सोच विकसित करना और नवाचार को बढ़ावा देना है. इस लैब के माध्यम से विद्यार्थी पाठ्यक्रम में दिये गये सिद्धांतों के वास्तविक जीवन के अनुप्रयोग और महत्व को सीखने में मदद मिलेगी. स्कूलों में स्थापित किये गये अटल टिंकरिंग लैब में हाइटेक उपकरण इंस्टॉल किये जायेंगे. इसमें थ्रीडी प्रिंटर, रोबोटिक्स किट सहित अन्य उपकरण विद्यार्थियों को मुहैया कराये जायेंगे. इसके साथ ही लैब में कंप्यूटर सिस्टम भी लगाये जायेंगे. प्रत्येक लैब में 20 कंप्यूटर सिस्टम लगाये जायेंगे. एटीएल से छात्रों को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (स्टेम) की अवधारणा समझने में मदद मिलेगी. छात्रों में उद्यमिता और नवाचार की भावना को विकसित किया जा सकेगा. यह छात्रों को उनकी पुस्तकों से सीखे सिद्धांतों के वास्तविक जीवन बच्चों को वैज्ञानिक बनाने के लिए तराशने की योजना के तहत अटल इनोवेशन मिशन को लेकर नीति आयोग द्वारा जारी मापदण्डों पर फिलहाल जिले के मात्र दो विद्यालय फिलवक्त खड़े उतर पाये. जिज्ञासा, नवाचार और युवा मस्तिष्कों में वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने के लिए आगामी पांच वर्षों में और भी सरकारी स्कूलों में अटल टिंकरिंग लैब की स्थापना की जायेगी. छात्रों में उद्यमिता व नवाचार की भावना को विकसित किया जा सकेगा. यह छात्रों को उनकी पुस्तकों से सीखे सिद्धांतों के वास्तविक जीवन के अनुप्रयोग और महत्व को सीखने में मदद करेगा. डीईओ कामेश्वर प्रसाद गुप्ता ने बताया कि नीति आयोग ने अपने प्रमुख कार्यक्रम अटल इनोवेशन मिशन के हिस्से के रूप में अटल टिंकरिंग प्रयोगशाला नामक पहल की शुरुआत की है. नवाचार और उद्यमिता की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिये सरकार द्वारा की गई एक प्रमुख पहल है. अटल टिंकरिंग प्रयोगशाला की स्थापना का मुख्य उद्देश्य युवाओं को ऐसा कौशल प्रदान करना और उन्हें उस प्रौद्योगिकी तक पहुंच प्रदान करना है जो उन्हें समाधान प्रस्तुत करने में सक्षम बनायेगी.
दोनों विद्यालयों में गढ़े जायेंगे वैज्ञानिक
बच्चों को वैज्ञानिक बनाने के लिए तराशने की योजना के तहत अटल इनोवेशन मिशन को लेकर नीति आयोग द्वारा जारी मापदण्डों पर फिल जिले के मात्र दो विद्यालय फिलवक्त खरे उतर पाये. जिज्ञासा, नवाचार और युवा मस्तिष्कों में वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने के लिए आगामी पांच वर्षों में और भी सरकारी स्कूलों में अटल टिंकरिंग लैब की स्थापना की जाएगी. अटल टिंकरिंग लैब बच्चों को 21 वीं शताब्दी के जरूरी स्किल्स और उनसे मुखातिब होने का मौका प्रदान करेगा. शिक्षा व्यवस्था के पहले पायदान से ही उन्हें प्रोफेशनल और पर्सनल स्किल्स को साधने का उपयुक्त मौका देता है.
क्यों जरूरी है ””अटल टिंकरिंग लैब””
शिक्षाविद गौतम बिहारी ने बताया कि एस्पायरिंग माइंड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के 94 प्रतिशत इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स हायरिंग के लायक नहीं हैं. आईटी सेक्टर में आये नए तकनीकों की जानकारी इन्हें ना के बराबर है. मशीन लर्निंग, इन्टरनेशनल ऑफ थिंग्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसे उभरते नये तकनीकों से युवा पीढ़ी को स्कूलों में ही परिचित करवाना होगा ताकि इंडस्ट्री के स्किल्ड डिमांड को पूरा किया जा सके. अटल टिंकरिंग लैब इसमें महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.
यह है खासियत
बता दें कि अटल टिंकरिंग लैब में विद्यार्थियों स्वरोजगार के लिए किया परिपक्व किया जायेगा, यहां पर उन्हें विशेष ट्रेनिंग मिलेगी. अटल लैब में आइआर सेंसर से लेकर थ्रीडी प्रिंटर्स और अल्ट्रासॉनिक सेंसर जैसे अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध हो रहे हैं, साइन्स, टेक्नालॉजी, इन्जीनियरिंग और मैथ्स की समझ बच्चों में विकसित कराने विशेष प्रयास हो रहे हैं. जो बच्चे यहां खोज करेंगे, उन्हें क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लेने का मौका भी मिलेगा. साल में तीन ट्रेनिंग होगी, फिर नियमित रूप से ट्रेनिंग चलेगी. ट्रेनर शिक्षकों को भी ट्रेनिंग देंगे ताकि वे निरंतर बच्चों को ट्रेंड कर सकें. लैब में विद्यार्थियों को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित के विभिन्न पहलुओं को समझाने के साथ-साथ उपकरणों और औजारों का इस्तेमाल कर कुछ नया करने का अवसर दिया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
