Samastipur News:प्राकृतिक धरोहरों के संरक्षण की आवश्यकता : मुरारी

शहर के आरएनएआर कॉलेज में इतिहास विभाग द्वारा विश्व धरोहर सप्ताह के उपलक्ष्य में व्याख्यान आयोजित किया गया.

By KRISHAN MOHAN PATHAK | November 27, 2025 7:13 PM

Samastipur News:समस्तीपुर : शहर के आरएनएआर कॉलेज में इतिहास विभाग द्वारा विश्व धरोहर सप्ताह के उपलक्ष्य में व्याख्यान आयोजित किया गया. व्याख्यान के लिए मुरारी कुमार झा, पीएचडी शोधार्थी, प्राचीन भारतीय इतिहास, पुरातत्व और संस्कृति को आमंत्रित किया गया था. जिन्होंने आर्कियोलॉजिकल और कल्चरल हेरिटेज ऑफ मिथिला: न्यू डिस्कवरीज पर अपना व्याख्यान दिया. श्री झा ने धरोहर को समझने, उसे संरक्षित करने के महत्व पर जोर दिया और पुरातात्विक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों के संरक्षण की आवश्यकता को रेखांकित किया. उन्होंने छात्र-छात्राओं से संवाद भी किया और कहा कि धरोहर को समझना और संजोने की शुरुआत अपने गांव और आसपास से ही होती है. गांव के नाम, पुराने स्थल, पुराने अवशेष के संबंध में जिज्ञासा और उत्सुकता ही हमें धरोहर को समझने में आगे का मार्ग प्रशस्त करती है. श्री झा ने बताया कि उन्होंने अब तक मिथिला क्षेत्र में लगभग 800 पुरातात्विक स्थलों का अध्ययन और दस्तावेजीकरण किया. कार्यक्रम का संचालन इतिहास विभाग के छात्र कन्हैया कुमार गुप्ता ने किया. प्रधानाचार्य प्रो. दिलीप कुमार ने अतिथि का माला से स्वागत किया. एक मिथिला पेंटिंग भेंट की. प्रो. कुमार ने प्राचीन शिक्षण संस्थानों और शिक्षा व्यवस्था पर व्याख्यान करने का अनुरोध किया. साथ ही छात्र-छात्राओं को कॉलेज लाइब्रेरी के न्यू रीडिंग रूम का अधिक से अधिक लाभ लेने पर जोर दिया. इतिहास विभाग के अध्यक्ष डॉ दीपक कुमार नायर ने अतिथि का परिचय प्रस्तुत किया. धरोहर दिवस 2024 में जिन छात्रों ने प्रदर्शनी में अपनी वस्तुएं प्रदर्शित की थी उन्हें प्रमाण पत्र दिये गये. धन्यवाद ज्ञापन पूर्व छात्र चंदन कुमार ने किया. कार्यक्रम में डॉ संजय कुमार महतो, आई क्यू ए सी कॉर्डिनेटर संतोष कुमार, चंद्रशेखर सिंह, डॉ राजीव रोशन, डॉ अर्चना कुमारी, मो. जियाउल हक, डॉ विनय कुमार सिंह, डॉ स्मिता कुमारी, डॉ दीपान्विता, डॉ बीरेंद्र कुमार दत्ता, डॉ प्रमोद कुमार, डॉ प्रेमलता शर्मा, डॉ प्रतिमा प्रियदर्शिनी, डॉ प्रणति, डॉ जयचंद्र झा, डॉ उमाशंकर, डॉ अभिनव साकेत, डॉ निकेंद्र कुमार, डॉ राम कुमार रमन, डॉ गुड़िया कुमारी, लाइब्रेरियन श्वेता थे.

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