Samastipur : पूर्व के अनुभव के आधार पर कर रहे रबी की खेती

नवंबर माह में किसान खेतों की जुताई के साथ-साथ गेहूं, मक्का सहित कई तेलहनी व दलहनी फसलों की बुआई में जुटे हुए हैं.

By Ankur kumar | November 13, 2025 5:53 PM

हसनपुर . प्रखंड क्षेत्र में रबी फसल की बुआई तेजी से की जा रही है. नवंबर माह में किसान खेतों की जुताई के साथ-साथ गेहूं, मक्का सहित कई तेलहनी व दलहनी फसलों की बुआई में जुटे हुए हैं. रासायनिक खाद व बाजार से बीज खरीद कर खेतों में डाल रहे हैं. इस भरोसे कि बाजार में मिल रहे बीज उपचारित है. उनके खेतों में अच्छी उपज मिलेगी. इससे वह आर्थिक रूप से मजबूत होंगे. लेकिन किसानों का कहना है कि वे लोग प्रत्येक वर्ष विभिन्न फसलों की रोपाई में बाजार की दुकानदार का सहारा लेते हैं. ऐसे में किसी किसानों की उपज अच्छी मिलती है तो किन्ही को नुकसान उठाना पड़ता है. किसान बताते हैं कि लगातार कई वर्षों से वे लोग अपने पूर्व के अनुभवों के आधार पर खेती करते आ रहे हैं. ऐसे में खेत में किस चीज की कमी है. किस चीज की जरूरत है इसका सही से पता नहीं चल पाता है. जिससे उपज में प्रभावित होता है. किसानों का कहना था कि समय-समय पर सरकारी स्तर से पंचायतवार किसान गोष्ठी कर जानकारी दी जाती है. लेकिन इसमें सभी किसानों की मौजूदगी नहीं हो पाती है. कृषिकर्मी इसकी खानापूर्ति कुछ किसानों के बीच कर रिपोर्ट विभाग को कर देते हैं. जिसके कारण उन लोगों को आधुनिक तकनीक की कृषि की शिक्षा से वंचित होना पड़ता है. लोगों का कहना था जब सरकार किसानों को आधुनिक खेती के जागरूक करने के लिए तरह-तरह के कार्यक्रम चला रही है. ऐसे में पंचायतवार नहीं बल्कि गांववार कार्यक्रम कर किसानों को आधुनिक तकनीक के बारे में जानकारी बतानी चाहिए. बताया कि उनके खेतों की मिट्टी में क्या कमियां है, पता लग जाने पर उक्त चीज का प्रयोग कर खेतों से अच्छी उपज, कम लागत में सही समय से प्राप्त कर सकेंगे. किसानों की सहायता के लिए तैनात कर्मी को अपने-अपने क्षेत्र में निरंतर विभिन्न फसलों व विभिन्न खेतों के बारे में चर्चा होनी चाहिये.

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