वैश्य समाज ने मनाया आठवां स्थापना दिवस, एकजुटता व राजनीतिक भागीदारी पर दिया जोर

वैश्य समाज के आठवें स्थापना दिवस के अवसर पर बुधवार को मीर टोला स्थित वैश्य समाज के कार्यालय में भव्य समारोह का आयोजन किया गया.

By Dipankar Shriwastaw | December 17, 2025 7:05 PM

सहरसा. वैश्य समाज के आठवें स्थापना दिवस के अवसर पर बुधवार को मीर टोला स्थित वैश्य समाज के कार्यालय में भव्य समारोह का आयोजन किया गया. इस अवसर पर केक काटकर स्थापना दिवस मनाया गया एवं समग्र वैश्य समाज की आपसी एकजुटता, सामाजिक चेतना एवं राजनीतिक भागीदारी को लेकर गंभीर मंथन किया गया. समारोह में बड़ी संख्या में सामाजिक, राजनीतिक एवं विभिन्न संगठनों से जुड़े प्रतिनिधियों की उपस्थिति रही.

विभिन्न सरकारी विभागों के माध्यम से समाज का किया जाता है शोषण : जिलाध्यक्ष

कार्यक्रम को संबोधित करते वैश्य समाज के जिलाध्यक्ष रामकृष्ण साह उर्फ मोहन साह ने कहा कि वैश्य समुदाय को अलग-अलग जातियों में बांटकर उसकी सामूहिक शक्ति को कमजोर करने की साजिश वर्षों से चल रही है. उन्होंने कहा कि समाज के लोग बिखरकर अनजाने में उन्हीं ताकतों को मजबूत कर रहे हैं, जो हमारे अधिकारों का हनन करते है. संगठन की आवश्यकता इसलिए नहीं है कि समाज कमजोर है, बल्कि इसलिए है कि हमारी वास्तविक ताकत को राजनीतिक दल पहचाने. उन्होंने कहा कि चुनाव के समय राजनीतिक दल वैश्य समाज को ढूंढते हैं, लेकिन चुनाव समाप्त होते ही सेल टैक्स, इनकम टैक्स सहित विभिन्न सरकारी विभागों के माध्यम से समाज का शोषण शुरू हो जाता है. सवाल यह है कि आखिर वैश्य समाज को केवल वोट बैंक समझकर ही क्यों उपयोग किया जाता है. जब राजनीतिक भागीदारी की बात आती है, तो इस समाज को दरकिनार कर दिया जाता है. टिकट उन्हीं जातियों को मिलती है, जिनकी मजबूत जमात होती है. ऐसे में वैश्य समाज को भी पहले अपनी जमात एवं संगठित शक्ति का निर्माण करना होगा.

उन्होंने कहा कि वैश्य समाज को एकता के लिए आगामी 14 जनवरी से वैश्य समाज गांवों की ओर रुख करेगी. वैश्य समाज के प्रवक्ता राजीव रंजन साह ने कहा कि हालिया नगर निगम चुनाव में भी गहरी साजिश के तहत वैश्य समाज की ताकत को तोड़ने का प्रयास किया गया. समाज मूल रूप से एकजुट है. लेकिन कुछ तथाकथित राजनीतिक लोग अपने निजी स्वार्थ एवं झूठी आन-बान के चक्कर में समाज को अलग-अलग नेताओं के बहकावे में बांट देते हैं. अब इस प्रवृत्ति पर पूरी तरह रोक लगनी चाहिए. वैश्य समाज के कार्यकारी अध्यक्ष देवेंद्र कुमार देव ने कहा कि आज आत्ममंथन का समय है. पहले नगर निगम एवं सहरसा विधानसभा से विधायक वैश्य समाज का बेटा बनता था. लेकिन आज हालात बदल गये हैं. उन्होंने समाज से एकजुट होकर अपने राजनीतिक एवं सामाजिक अधिकारों के लिए संघर्ष करने का आह्वान किया. समारोह में समाजसेवी रंजीत दास, पोद्दार महासभा के कलानंद पोद्दार सहित कई गणमान्य लोगों ने भी अपने विचार रखे.

वैश्य समाज के उपाध्यक्ष शशि सोनी, विजय गुप्ता, जयप्रकाश दास, भगवान पोद्दार, बालेश्वर भगत, अरुण जयसवाल, महिला अध्यक्ष सीमा गुप्ता, राजनीति गुप्ता, अर्जुन शर्मा, श्यामनंदन पोद्दार, अजय पोद्दार, लड्डू मिस्त्री, महासचिव संजय कुमार, सुनील गुप्ता, पूर्व सरपंच जयप्रकाश गुप्ता, अधिवक्ता संजीव गुप्ता, विनोद दास, कमल किशोर दास, अशोक गुप्ता, केदार गुप्ता,नाई संघ के अध्यक्ष विजेंद्र ठाकुर, सचिव शिवशंकर ठाकुर, अमरेंद्र कुमार रवि, निरंजन कुमार, दिलीप गुप्ता, विवेक भगत, फुलेश्वर गुप्ता, ध्रुव ठाकुर, भूप्पी साह, संजय साह आदि वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि सामाजिक समरसता एवं राजनीतिक भागीदारी के बिना किसी भी समाज का समग्र विकास संभव नहीं है. इस दृष्टि से वैश्य समाज का स्थापना दिवस ना केवल उत्सव का अवसर है, बल्कि समाज को नई दिशा और ऊर्जा देने वाला महत्वपूर्ण पड़ाव भी है.

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