11 बजे तक भी नवहट्टा डाकघर में नहीं पहुंचे कर्मी और अधिकारी
प्रखंड मुख्यालय स्थित प्रखंड स्तरीय मुख्य डाकघर में अव्यवस्था का आलम चरम पर है. यहां अधिकारियों और कर्मियों के लिए नियम-कायदा मानो कोई मायने ही नहीं रखता है.
नवहट्टा. प्रखंड मुख्यालय स्थित प्रखंड स्तरीय मुख्य डाकघर में अव्यवस्था का आलम चरम पर है. यहां अधिकारियों और कर्मियों के लिए नियम-कायदा मानो कोई मायने ही नहीं रखता है. मनमर्जी से देर से आना और बिना सूचना काउंटर बंद कर चले जाना यहां सामान्य बात बन चुकी है. बुधवार को सुबह 11 बजे तक डाकघर में एक भी अधिकारी या कर्मचारी मौजूद नहीं था. दूर-दराज के गांवों से आवश्यक कार्यों के लिए पहुंचे लोग घंटों तक काउंटर खुलने का इंतजार करते रहे, लेकिन काउंटर बंद रहा और पूरे कार्यालय परिसर में सन्नाटा पसरा रहा. निर्धारित समय पर सेवाएं न मिलने से लोग परेशान और निराश होकर वापस लौटने को मजबूर हुए. स्थानीय नागरिकों ने बताया कि पासबुक अपडेट, स्पीड पोस्ट, मनीऑर्डर, पेंशन और अन्य जरूरी कार्यों के लिए लोग सुबह से लाइन में पहुंचे थे, लेकिन न तो कोई अधिकारी मौजूद था और न ही उनकी समस्या सुनने वाला कोई कर्मचारी. जनता के समय और जरूरत के प्रति ऐसी लापरवाही आम लोगों के साथ सीधी बेइंसाफी है. लोगों ने डाक विभाग के उच्च अधिकारियों से मांग की है कि नवहट्टा डाकघर में व्याप्त इस अनियमितता पर तत्काल संज्ञान लिया जाए और समयपालन सुनिश्चित कराया जाए. नागरिकों का कहना है कि सरकारी कार्यालय जनता की सुविधा के लिए होते हैं, न कि अधिकारियों की मनमर्जी के लिए.
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