ट्रेनों में पैर रखने की भी नहीं मिल पा रही जगह

लोक आस्था का महापर्व छठ के संपन्न होते ही घर आये लोग अब महानगर की ओर रुख करने लगे हैं.

By Dipankar Shriwastaw | October 29, 2025 7:05 PM

छठ के संपन्न होते ही घर आये लोग अब महानगर की ओर करने लगे रुख

पटना, दिल्ली सहित विभिन्न जगहों पर जाने वाली लंबी दूरी की सभी ट्रेनें हैं फुल

सिमरी बख्तियारपुर. लोक आस्था का महापर्व छठ के संपन्न होते ही घर आये लोग अब महानगर की ओर रुख करने लगे हैं. पर्व के बाद पटना, दिल्ली सहित विभिन्न जगहों पर जाने वाली लंबी दूरी की सभी ट्रेनें फुल हैं. वहीं ज्यादातर पैसेंजर ट्रेनों में भी पैर रखने की जगह नहीं मिल पा रही है. छठ के बाद पटना जाने वाले यात्रियों की संख्या बुधवार को ऐसी रही कि ट्रेन से पटना जाने वाले कई यात्री भीड़ के कारण विभिन्न स्टेशनों पर ट्रेन में चढ़ने से वंचित रह गये. नजारा ऐसा था कि पूरी ट्रेन की सीट सहरसा में ही फुल हो गयी, जिस कारण हजारों यात्री खड़े-खड़े पटना गये.

टिकट काउंटरों पर लगी लंबी लाइन

अपने गांव में छठ मनाने के लिए बड़ी संख्या में प्रवासी घर आये हुए थे. उन्हें बिहार आने के लिए जितनी मशक्कत करनी पड़ी, अब काम पर लौटने के लिए भी उतनी ही जद्दोजहद करनी पड़ रही है. लोग जल्द से जल्द अपने कार्यस्थल पर लौटना चाहते हैं, लेकिन गांव से पटना और पटना से दिल्ली तक की यात्रा काफी कठिन है. बुधवार को बुधवार को ललितग्राम-पटना राज्यरानी से पटना जा रहे सहरसा जिला निवासी विकास कुमार ने बताया कि छठ में घर आये थे. साल में एक ही बार घर आते हैं. अब फिर दिल्ली जा रहे हैं. सहरसा से ट्रेन में टिकट नहीं मिला तो अब पटना जा रहे हैं. वहीं से ट्रेन में चढ़ेंगे. यही हाल आकाश कुमार का भी था. महिषी के रहने वाले आकाश दिल्ली के पास मजदूरी करते हैं और छठ में घर आये थे. आकाश बताते हैं कि दुर्गा पूजा, दीपावली और छठ घर पर मनाये. अब घरवालों का पेट भरने के लिए पटना और वहां से बहुत ट्रेन है. कोई पकड़ चल जायेंगे दिल्ली.

हर स्टेशन पर रही यात्रियों की भीड़

छठ पर्व धूमधाम से मना परदेस जाने वाले लोगों को अपने नजदीकी स्टेशनों से टिकट या ट्रेनें नहीं मिल पा रही है. वे किसी तरह परिवार संग पटना जा रहे हैं. इस कारण दैनिक एक्सप्रेस या सुपरफास्ट ट्रेनों में भी जबरदस्त भीड़ उमड़ रही है. इन ट्रेनों में भी सहूलियत से मिलने वाला कंफर्म टिकट अभी मिलना तो दूर, अब इन ट्रेनों चढ़ना भी मुश्किल हो रहा है. इस कारण दैनिक यात्रियों के समक्ष भी कठिनाई है. महानगर जाने वाली ट्रेनों में जगह नहीं बची है. ट्रेनें फुल होने से यात्रियों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं. पर्व समाप्ति के बाद बुधवार को पटना जा रही ललितग्राम-पटना राज्यरानी सुपरफास्ट ट्रेन में यात्रा के दौरान यह दिखा कि सहरसा से पटना जाने के दौरान बीच के मानसी, खगड़िया, बेगूसराय आदि प्लेटफार्म पर भी राज्यरानी के इंतजार में परदेस लौटने वाले लोगों की भीड़ दिखी. ये लोग जैसे-तैसे ट्रेन में सवार होते दिखे.

छात्र भी वापस पढ़ाई करने चले

सहरसा सहित संपूर्ण कोसी इलाके से बड़ी संख्या में लोग नौकरी या मजदूरी के अलावे पढ़ाई की वजह से भी दूसरे प्रदेशों में रहते हैं. यही कारण है कि बाहर रहने वाले ऐसे छात्र बड़ी संख्या में छठ में घर आते हैं. ऐसे में घर से परदेश जाने की इच्छा रखने वाले लोग अब रिजर्वेशन विंडो से लेकर ट्रेन टिकट बुक करने वाले एजेंटों के यहां धक्के खा रहे हैं. इधर बुधवार को राज्यरानी से पटना जाने के दौरान रौशन कुमार ने बताया कि दिल्ली में पढ़ाई करता हूं. पटना से ट्रेन में टिकट बमुश्किल मिली है. सिमरी बख्तियारपुर निवासी रवि कुमार भी छठ में घर आये थे. बैग में किताब-कपड़े और कंबल का बंडल ले कर रवि कुमार भी पटना में डेरा ले कर पढ़ाई करते हैं. रवि बताते हैं कि सिमरी बख्तियारपुर से पटना खड़े-खड़े जा रहा हूं. ललितग्राम-पटना राज्यरानी सुपरफास्ट में बुधवार को कोटा, दिल्ली, बनारस आदि जाने वाले सैकड़ो यात्री मिले, जो पटना तक की यात्रा राज्यरानी से कर पटना गये. स्थिति ऐसी रही कि कई छात्र शौचालय तक में बैठ पटना पहुंचे.

यात्रियों की खचाखच भीड़ में खूब बिका ठंडा पानी

बुधवार को ललितग्राम से पटना जा रही राज्यरानी सुपरफास्ट ट्रेन में यात्रियों की खचाखच भीड़ ने ठंड के मौसम में गर्मी का पारा बढ़ा दिया. जिस वजह से बोतलबंद ठंडा पानी की खूब बिक्री हुई. यात्रियों ने 25 रुपये तक पानी की बोतलें खरीद अपनी प्यास बुझाई. इसके अलावा भूंजा, लस्सी, पॉपकॉर्न आदि भी यात्रियों ने खूब खरीदे. इसके अलावा ट्रेन में किन्नरों की दादागिरी भी देखने को मिली. किन्नरों ने यात्रियों से जबरन 10-20 रुपये तक पैसा वसूला.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है