छात्राओं ने अपने ज्ञान और रचनात्मकता का किया प्रदर्शन

राष्ट्रीय नवजात शिशु देखभाल सप्ताह के मौके पर पिरामल हेल्थ द्वारा एएनएम स्कूल, सदर अस्पताल में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया.

By Dipankar Shriwastaw | November 19, 2025 6:46 PM

सदर अस्पताल में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

सहरसा. राष्ट्रीय नवजात शिशु देखभाल सप्ताह के मौके पर पिरामल हेल्थ द्वारा एएनएम स्कूल, सदर अस्पताल में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम में प्रथम एवं द्वितीय वर्ष की 70 एएनएम छात्राओं ने उत्साहपूर्ण भागीदारी की. कार्यक्रम का उद्देश्य नवजात शिशुओं की सुरक्षित व समुचित देखभाल संबंधी ज्ञान को भविष्य की फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कर्मियों तक पहुंचाना था. जागरूकता सत्र का नेतृत्व जिला कार्यक्रम लीडर पूजा सिंह ने किया. वहीं गांधी फेलो अदानी थिंगबैजम, प्राची कुमारी तथा करूणा फेलो नजरणा खातून ने सह प्रशिक्षक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. प्रशिक्षकों ने छात्राओं को नवजात शिशु देखभाल के विभिन्न पहलुओं पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी.

सत्र के दौरान कई प्रमुख विषयों पर दिया गया प्रशिक्षण

सत्र के दौरान जन्म के तुरंत बाद स्तनपान की शुरुआत, नवजात में संक्रमण की रोकथाम, थर्मल केयर (शरीर की गर्मी बनाए रखना) और खतरे के महत्वपूर्ण संकेतों की पहचान जैसे प्रमुख विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षकों ने इन विषयों पर व्यावहारिक जानकारी उपलब्ध कराते हुए छात्राओं को बताया कि समय पर पहचान और देखभाल से नवजात शिशुओं की मृत्यु दर में काफी कमी लायी जा सकती है. कार्यक्रम के दौरान पोस्टर निर्माण प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया, जिसमें छात्राओं ने अपने ज्ञान और रचनात्मकता का प्रदर्शन करते हुए नवजात स्वास्थ्य पर जागरूकता संदेश प्रस्तुत किया. प्रतियोगिता का उद्देश्य विषय को समझने के साथ-साथ समुदाय स्तर पर संदेश प्रसारित करने की क्षमता विकसित करना था. कार्यक्रम के बाद अस्पताल परिसर में जागरूकता रैली निकाली गयी, जिसमें छात्राओं ने तख्तियों और नारों के माध्यम से सुरक्षित नवजात शिशु देखभाल का संदेश दिया. रैली ने अस्पताल आने वाले लोगों और आसपास के समुदाय का ध्यान आकर्षित किया. प्रतिभागियों ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम स्वास्थ्य सेवाओं को जमीनी स्तर पर मजबूत बनाने में प्रभावी सिद्ध होता है. अस्पताल प्रशासन ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रमों से न सिर्फ स्वास्थ्यकर्मियों की दक्षता बढ़ती है, बल्कि समाज में नवजात देखभाल के प्रति जागरूकता भी बढ़ती है. कार्यक्रम ने एएनएम छात्राओं को क्षेत्रीय स्वास्थ्य सेवा में योगदान देने की प्रेरणा भी प्रदान की.

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