साहिबजादों की अमर शहादत भारतीय इतिहास में साहस व त्याग की सबसे बड़ी मिशालः साजन शर्मा

साहिबजादों की अमर शहादत भारतीय इतिहास में साहस व त्याग की सबसे बड़ी मिशालः साजन शर्मा

By Dipankar Shriwastaw | December 26, 2025 5:44 PM

गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों के बलिदान दिवस पर जिला भाजपा ने किया श्रद्धा सुमन अर्पित सहरसा . गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों साहिबजादे फतेह सिंह व साहिबज़ादे जोरावर सिंह के बलिदान दिवस पर शुक्रवार को शहर के अनुराग गली स्थित गुरुद्वारा में भाजपा व सिक्ख सुमदाय के लोगों ने श्रद्धा सुमन अर्पित कर उनके बलिदान को याद किया. सत्य व मानवता की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर साहिबजादे को सबों ने नमन किया. भाजपा जिलाध्यक्ष साजन शर्मा की अध्यक्षता व भाजपा उपाध्यक्ष राजीव रंजन साह के संयोजन में आयोजित कार्यक्रम में जिलाध्यक्ष साजन शर्मा ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों की अमर शहादत भारतीय इतिहास में साहस व त्याग की सबसे बड़ी मिशाल है. भाजपा उपाध्यक्ष राजीव रंजन साह ने कहा कि छोटी सी उम्र में अन्याय व अत्याचार के आगे अडिग रहकर अपने आदर्शों का पालन करते उन्होंने जिस अद्वितीय साहस, शौर्य व धैर्य का परिचय दिया, वह हमें मुश्किल परिस्थितियों में भी संयम रखने की सीख देता है. स्थानीय हैप्पी सिंह ने कहा कि उनकी अमर गाथाएं सदियों तक हमारी भावी पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी. इस मौके पर हम साहिबजादों को याद करते अपने आदर्शों व मूल्यों से कभी भी समझौता नहीं करने का संकल्प लें. यही उनके प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी. इस मौके पर गुरुद्वारा अध्यक्ष गुरुचरण सिंह, सचिव स्वर्ण सिंह, परविंदरसिंह, रणवीर सिंह, राजा सुरेंद्रसिंह, मनविंदर सिंह, राजरानी कोर, मंजीत कौर, अमरजीत कौर, जसपाल कौर, परमजीत कौर, सिमरन कौर, सुरजीत कौर,स्वर्ण कौर, हरनेम सिंह, गुरप्रीत कोर, कुलविंदर कौर, अमन कुमार बिट्टू, शंटी सिंह, शंकर मिश्रा, विजय बसंत, उपाध्यक्ष रिंकी देवी, युवा अध्यक्ष सुरजीत सिंह कुशवाहा, नगर अध्यक्ष अभिनव सिंह, रणविजय यादव, मीडिया प्रभारी सुमित सिन्हा, संतोष गुप्ता, मीरा देवी, महिला मोर्चा अध्यक्ष सुगमणि देवी, संजय साह, पुरुषोत्तम, पोद्दार, सजनी देवी, सीता देवी, दुर्गा देवी सहित अन्य ने शहादत पर नमन करते कहा कि गुरु गोविंद सिंह जी के परिवार के बलिदान के कारण आज सनातन धर्म बचा हुआ है. वह गुरु गोविंद सिंह का परिवार था, जिन्होंने अपने चारों बेटों को सनातन धर्म की रक्षा के लिए बलिदान कर दिया. वह वीर वंदा बैरागी, जिन्हें सनातन धर्म की रक्षा के लिए अपने ही पुत्र का मांस खाना पड़ा. बाद में आंखों में लाल गर्म सलाखें डाली गयी. फिर खोलते तेल की कड़ाही में डाल दिया गया. इस सनातन धर्म को बचाने के लिए करोड़ों बलिदान दिए गये हैं. विदेशी मुगल इस्लामिक शासकों की क्रूरता भुलाई नहीं जा सकती.

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