बाजार के हर चौक-चौराहे पर सज गया है गरीबों का बादाम
बाजार के हर चौक-चौराहे पर सज गया है गरीबों का बादाम
लोगों को साल भर रहता है इंतजार, सेहत के लिए भी है फायदेमंद सहरसा . सर्दी शुरू होते ही बाजार में मूंगफली की बहार सज चुकी है. हर चौक-चौराहों पर मुंगफली की दुकान दिखने लगी है. लोगों को इसका साल भर इंतजार रहता है व इस मौसम में बड़े ही शौक से लोग इसे खाते हैं. मूंगफली को यूं ही गरीबों का बादाम नहीं कहा जाता. टाइम पास से लेकर हल्की भूख मिटाने तक लोग इसे बड़े चाव से खाते हैं. उबाल कर, भूनकर, भट्टी में पकाकर या पोहा के साथ मिलाकर मूंगफली हर रूप में पसंद किया जाता है. प्रोटीन, हेल्दी फैट एवं अनेक पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण यह स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद है. पहले ठंढ़ शुरू होने समय जहां राजस्थान सहित अन्य प्रदेशों से यहां कारोबारी आते थे व इसकी बिक्री जमकर होती थी. इसे देख अब कुछ स्थानीय लोग भी इस कारोबार से जुड़कर अच्छी आमदनी कर रहे हैं. इन दिनों राजस्थान के बीकानेर व जोधपुर से लायी जा रही खास मूंगफली बादाम बाजार में उपलब्ध हैं. राजस्थान में तैयार होने वाली मूंगफली अपने बड़े दानों, कम नमी एवं बेहतरीन स्वाद के कारण पूरे देश में प्रसिद्ध है. स्वाद है बेहद लाजवाब थाना चौक पर वर्षों से इस कारोबार में लगे गांधीपथ के लक्ष्मण साह ने बताया कि हर दिन मूंगफली की अच्छी खपत हो जाती है. यहां 250 ग्राम के लिए 50 रुपये जबकि एक किलो मूंगफली दो सौ रुपये में उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि तैयार करने की प्रक्रिया भी दिलचस्प है. भट्ठा जलाकर बड़ी कड़ाही में नमक डालकर उसमें मूंगफली भूनते हैं. इस विधि से दानों में नमक एकदम संतुलित तरीके से समा जाता है, जिससे स्वाद बेहद लाजवाब बनता है. यहां से गुजरने वाले लोग यहां की मूंगफली का स्वाद चखे बिना आगे बढ़ना पसंद नहीं करते है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
