लंदन विश्वविद्यालय में शोध परियोजना पर काम करेंगे राहुल यादुका
लंदन विश्वविद्यालय में शोध परियोजना पर काम करेंगे राहुल यादुका
जल कानूनों पर पांच साल के शोध परियोजना पर करेंगे काम सहरसा . नगर निगम क्षेत्र के महावीर चौक निवासी सुशील यादुका के पुत्र राहुल यादुका का चयन पोस्ट डॉक्टरल शोधकर्ता के रूप में इंग्लैंड के लंदन विश्वविद्यालय में हुआ है. वे जल कानूनों पर पांच साल के शोध परियोजना पर काम करेंगे. उन्होंने इसी महीने आंबेडकर विश्वविद्यालय दिल्ली से पीएचडी की उपाधि भी प्राप्त की है. उनके शोध का विषय कोसी नदी व उसका बाढ़ था. राहुल यादुका ने बाढ़ प्रभावित समुदायों के जीवन एवं उनकी पीड़ा को समझने के लिए कोसी दियारा में तीन साल से अधिक समय बिताया है. पीएचडी से पहले राहुल ने आईआईटी मुंबई से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक व दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में एमए किया है. राहुल यादुका ने अपनी मैट्रिक की पढ़ाई केंद्रीय विद्यालय सहरसा से की. वे कोसी एवं पटना में नागरिक समाज की पहल से भी जुड़े हुए हैं एवं बाढ़ प्रभावित समुदायों, प्रवासियों, शहरी गरीबों, झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों जैसे समाज के दलित वर्ग के उत्थान के लिए काम करते हैं. राहुल यादुका ने अपनी पीएचडी के माध्यम से नदियों पर तटबंधों की विफलता को प्रदर्शित किया है. उनका तर्क है कि तटबंधों के कारण नदी के पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचा है व कृषि पर बुरा असर पड़ा है. जिसके कारण इस क्षेत्र से भारी मात्रा में पलायन हुआ है. वे कोसी नदी के तटबंध के अंदर फंसे लोगों को पुनर्वास एवं पर्याप्त आजीविका प्रदान करके उनकी बेहतरी की वकालत करते हैं. राहुल यादुका ने हिंदी, अंग्रेजी, मैथिली व नेपाली में विभिन्न शोध पत्र व मीडिया लेख भी लिखे हैं. उन्होंने राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय शोध सम्मेलन में अपने शोध पत्र भी प्रस्तुत किए हैं. राहुल अपनी सफलता का श्रेय अपनी दादी को देते हैं. जिन्होंने घर में शिक्षा के प्रति हमेशा एक माहौल बनाये रखा. मां, चाचा राजेश यादुका एवं मनोज गोयल ने उन्हें खुल कर पढ़ने के लिए प्रेरित किया. पीएचडी की गाइड डॉ आइवी धर ने अकादमिक मार्गदशन दिया. साथ ही शोध के दौरान कोसी नवनिर्माण मंच संगठन के माध्यम से वे कोसी बांध के अंदर के समाज से जुड़ सके. राहुल यादुका की इस उपलब्धि पर बौद्धिक समुदाय ने हर्ष व्यक्त किया.
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